Friday, October 04, 2024
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भारत के कदमों में आया मालदीव, राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू पीएम मोदी से मिलने 7 अक्टूबर को आ सकते हैं दिल्ली

मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू ने आखिरकार भारत के सामने घुटने टेक दिए हैं। उन्हें यह बात समझ आ चुकी है कि भारत के बगैर मालदीव का काम नहीं चलने वाला है। सूत्रों के अनुसार मुइज्जू 7 अक्टूबर से भारत की यात्रा पर नई दिल्ली आ सकते हैं।

Edited By: Dharmendra Kumar Mishra @dharmendramedia
Updated on: October 04, 2024 12:20 IST
मालदीव के राष्ट्रपति, मोहम्मद मुइज्जू।- India TV Hindi
Image Source : ANI मालदीव के राष्ट्रपति, मोहम्मद मुइज्जू।

नई दिल्लीः मालदीव की सत्ता में आते ही भारत से बगावत का बिगुल बजाने वाले राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू के तेवर अब ठंडे पड़ गए हैं। चीन प्रेमी मोहम्मद मुइज्जू अब पीएम मोदी से मिलने नई दिल्ली आ सकते हैं। एएनआई ने सूत्रों के हवाले से बताया कि मुइज्जू 7 अक्टूबर से दिल्ली की यात्रा कर सकते हैं। हालांकि अभी आधिकारिक तौर पर भारत या मालदीव की तरफ से इसका ऐलान नहीं किया गया है।

बता दें कि भारत और मालदीव के बीच लंबे समय से चल रहे तनावों के बीच मालदीव के विदेश मंत्री मूसा जमीर ने अभी कुछ दिनों पहले ही यह दावा किया था कि राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू ने भारत के साथ अपनी गलतफहमियों को दूर कर लिया है और वह जल्द ही नई दिल्ली की यात्रा पर जाएंगे। मूसा जमीर का कहना था कि राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू के नेतृत्व वाली सरकार के शुरुआती दिनों में भारत-मालदीव संबंध कठिन दौर से गुजरे, लेकिन दोनों देशों ने अब ‘गलतफहमियां’ दूर कर ली हैं। जमीर ने अभी कुछ दिनों पहले अपनी श्रीलंका की यात्रा के दौरान यह टिप्पणी की थी। 

जमीर के अनुसार मुइज्जू की गलतफहमियां दूर

मालदीव के मंत्री के अनुसार राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू को भारत को लेकर गलतफहमी हो गई थी, लेकिन वह दूर हो गई है। जमीर ने कहा था कि भारत के साथ संबंधों में चुनौतियों का सामना तब ज्यादा करना पड़ा, जब खास तौर पर मालदीव से भारतीय सैनिकों की एक छोटी टुकड़ी हटाने के लिए राष्ट्रपति मुइज्जू ने अभियान छेड़ दिया था। मगर मालदीव से भारतीय सैनिकों की वापसी के बाद दोनों देशों के बीच ‘गलतफहमियां’ दूर हो गई हैं। मुइज्जू को चीन के प्रति झुकाव रखने के लिए जाना जाता है। उनके राष्ट्रपति पद पर काबिज होने के बाद भारत-मालदीव संबंध में खटास पैदा होने लगी। शपथ लेने के कुछ ही घंटों के भीतर मुइज्जू ने भारत से मालदीव को उपहार में दिए गए तीन सैन्य प्लेटफॉर्म पर तैनात भारतीय सैनिकों को वापस बुलाने की मांग की थी। दोनों पक्षों के बीच बातचीत के बाद भारतीय सैनिकों की जगह वहां तकनीकी कर्मियों की तैनाती की गई थी।

पीएम मोदी के खिलाफ तीन मंत्रियों ने की थी आपत्तिजनक टिप्पणी

मालदीव में मुइज्जू के सत्ता में आते ही उनके तीन उप मंत्रियों ने सोशल मीडिया पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी की थी। इससे दोनों देशों के रिश्तों में तनाव और बढ़ गया। मालदीव के विदेश मंत्रालय ने खुद को इन टिप्पणियों से अलग कर लिया था। बाद में, ये तीनों मंत्री भी निलंबित कर दिए गए थे। मुइज्जु ने पद संभालने के बाद अपने पूर्ववर्तियों के विपरीत नई दिल्ली की यात्रा नहीं की। वह सबसे पहले तुर्किये गए और फिर जनवरी में अपनी पहली राजकीय यात्रा के लिए चीन को चुना। हालांकि वह 9 जून को नई दिल्ली में प्रधानमंत्री मोदी के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल हुए थे।

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