मालदीव की राजधानी माले में एक ‘गैराज’ में आग लगने से आठ भारतीयों सहित 10 लोगों की मौत हो गई है। इस इमारत की पहली मंजिल पर प्रवासी मजदूर रहते थे। भारतीय उच्चायोग के एक अधिकारी ने यह जानकारी दी है। आग देर रात लगभग साढ़े 12 बजे मावियो मस्जिद के पास एम. निरूफेफी में लगी थी। भारतीय उच्चायोग में कार्यरत कल्याण कार्यों के अधिकारी रामधीर सिंह ने कहा, ‘‘10 लोगों के मारे जाने की पुष्टि हुई है, जिनमें से आठ भारतीय नगारिक हैं। दो अन्य लोगों की नागरिकता का अभी तक पता नहीं चल पाया है।’’
इससे पहले भारतीय उच्चायोग ने ट्वीट किया था, ‘‘माले में आग लगने की घटना के बारे में सुनकर दुखी हैं, जिसमें कई लोगों की जान चली गई। हम मालदीव के अधिकारियों के साथ संपर्क में हैं।’’ उसने कहा कि उच्चायोग प्रभावित भारतीय नागरिकों के परिवारों तक पहुंच रहा है। ‘गैराज’ भूतल पर था और प्रवासी मजदूर पहली मंजिल पर रहते थे। मालदीव के विदेश मंत्री अब्दुल्ला शाहिद ने कहा कि वह माले में आग की खबर से ‘‘बहुत दुखी’’ हैं, जिसमें 10 प्रवासी श्रमिकों की जान चली गई और कई परिवार प्रभावित हुए हैं।
मामले में की जा रही जांच
उन्होंने कहा, ‘‘हमारी संवेदनाएं और प्रार्थनाएं मृतकों और प्रभावितों के परिवारों के साथ हैं। जांच जारी है।’’ ‘मालदीव नेशनल डिफेंस फोर्स’ ने कहा कि इमारत में बांग्लादेश, भारत और श्रीलंका के 38 प्रवासी श्रमिक रह रहे थे। मालदीव राष्ट्रीय आपदा प्राधिकरण (एमएनडीए) के प्रमुख हिसान हसन ने कहा कि इमारत से 28 लोगों को बचा लिया गया है। उन्होंने कहा कि उनमें से 19 को उनके नियोक्ता ले गए हैं, जबकि नौ लोग एमएनडीएफ की देखरेख में हैं।
बिस्तरों के बगल में रखे थे सिलेंडर
एमएनडीएफ अग्नि एवं बचाव सेवा के कमांडेंट कर्नल इब्राहिम रशीद ने कहा कि प्रवासी क्वार्टर के अंदर बिस्तरों के बगल में गैस सिलेंडर रखे हुए थे। समाचार मंच ‘सनऑनलाइन’ ने उनके हवाले से अपनी खबर में बताया, ‘‘यहां बहुत सारे गैस सिलेंडर थे। विभिन्न प्रकार की गैस। गैराज भूतल पर स्थित था। इसलिए हमें आग से लड़ना बहुत चुनौतीपूर्ण लगा।'' उन्होंने कहा कि आग पर सुबह चार बजकर 34 मिनट पर काबू पाया गया। माले की आबादी 1.43 लाख है, जिनमें से आधे बांग्लादेश, भारत, नेपाल, पाकिस्तान और श्रीलंका से आए लोग हैं।