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बंटवारे के बाद पाकिस्तान में रह गए हिंदुओं के ये बड़े पवित्र मंदिर, एक का रिश्ता 'माता सती' से

भारत के बंटवारे के बाद बंटवारे के बाद हिंदुओं के कई प्रसिद्ध और पवित्र मंदिर पाकिस्तान में रह गए। इनमें से कई मंदिरोें को नष्ट कर दिया गया तो वहीं, कई के हालात आज खराब हो चुके हैं।

Edited By: Subhash Kumar @ImSubhashojha
Published on: October 14, 2024 23:33 IST
पाकिस्तान के प्रमुख...- India TV Hindi
Image Source : SOCIAL MEDIA पाकिस्तान के प्रमुख हिंदू मंदिर।

भारत और पाकिस्तान के बीच बीते लंबे समय से तनाव का माहौल बना हुआ है। इस बीच भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर मंगलवार को एससीओ की बैठक में भाग लेने के लिए पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद जा रहे हैं। आपको बता दें कि बंटवारे के बाद से ही पाकिस्तान में हिंदू अल्पसंख्यकों के साथ जुल्म होते रहे हैं। हिंदुओं के कई ऐसे मंदिर हैं जो कि बंटवारे के बाद पाकिस्तान में रह गए। आइए जानते हैं कुछ ऐसे ही खास मंदिरों के बारे में।

428 मंदिर में से 20 ही बचे

ऑल-पाकिस्तान हिंदू राइट्स मूवमेंट की सर्वे रिपोर्ट में बताया गया था कि बंटवारे के वक्त पाकिस्तान में कुल 428 हिंदू मंदिर थे। हालांकि, समय के साथ कई को नष्ट कर दिया गया और इनमें से 408 मंदिरों को  खिलौनों की दुकानों, रेस्तरां, सरकारी कार्यालयों और स्कूलों में बदल दिया गया। सरकारी अनुमान के मुताबिक, 2019 तक पाकिस्तान के सिंध में 11 मंदिर, पंजाब में 4, बलूचिस्तान में 3 और खैबर पख्तूनख्वा में 2 मंदिर चालू थे।

हिंगलाज माता मंदिर

ये पाकिस्तान में स्थित हिंदुओं के सबसे प्राचीन मंदिरों में से एक है। हिंगलाज माता मंदिर पाकिस्तान के बलूचिस्तान में हिंगोल नेशनल पार्क में स्थित है। यह मंदिर हिंदू धर्म के उन 51 स्थलों में से एक है जहां देवी सती के शरीर के अंग गिरे थे। हर साल हजारों की संख्या में भक्त हिंगलाज माता मंदिर में दर्शन के लिए आते हैं। इसे से हिंगलाज देवी , हिंगुला देवी और नानी मंदिर के नाम से भी जाना जाता है।

Hinglaj Mata Temple

Image Source : SOCIAL MEDIA
हिंगलाज माता मंदिर

कटास राज मंदिर

पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में चकवाल क्षेत्र के पास भगवान शिव को समर्पित कटास राज मंदिर स्थित है। ये मंदिर करीब 1500 साल पुराना माना जाता है। यहां और भी कई अन्य मंदिरों की श्रृंखला है जो दसवीं शताब्दी के बताये जाते हैं। पौराणिक मान्यता है कि भगवान शिव की आँखों से दो आंसू टपके थे उनमें से एक यहीं गिरा था।

varun dev temple

Image Source : FACEBOOK (CIVILIZATIONAL ROOTS)
वरुण देव मंदिर

श्री पंचमुखी हनुमान मंदिर

ये पाकिस्तान के कराची शहर में स्थित हिंदू धर्म के लिए सबसे पवित्र धर्म स्थलों में से एक है जो कि भगवान हनुमान को समर्पित है। सर गंगा राम हेरिटेज फाउंडेशन की रिपोर्ट के मुताबिक, श्री पंचमुखी हनुमान मंदिर 1,500 साल पुराना है जो कि पाकिस्तान में स्थित सबसे पुराने मंदिरों में से एक है।

ram mandir pakistan

Image Source : SOCIAL MEDIA
राम मंदिर

कालका देवी मंदिर

हिंदू धर्म के उपासकों के लिए सबसे पवित्र मंदिरों में से एक ये स्थल पाकिस्तान के सिंध प्रांत के अरोर की कालका पहाड़ियों में स्थित है। प्राकृतिक गुफा में स्थित यह मंदिर देवी काली को समर्पित है। मंदिर की देखभाल करने वाले लोगों के  अनुसार, कालका गुफा मंदिर में दो सुरंगें हैं जो हिंगलाज माता मंदिर से जुड़ती हैं।

kalka cave temple

Image Source : FLIKCR
कालका देवी मंदिर

वरुण देव मंदिर

श्री वरुण देव मंदिर पाकिस्तान के कराची में सिंध में स्थित है। यह पवित्र हिंदू मंदिर मनोरा द्वीप पर स्थित है। ये मंदिर भगवान झूलेलाल को समर्पित है, जिन्हें वरुण देव के नाम से भी जाना जाता है। वरुण देवता को हिंदू धर्म में जल के प्रतीक के रूप में पूजा जाता है।

varun dev temple

Image Source : FACEBOOK (CIVILIZATIONAL ROOTS)
वरुण देव मंदिर

राम मंदिर

पाकिस्तान के इस्लामाबाद के सैदपुर गांव में स्थित राम मंदिर को राम कुंड मंदिर के नाम से भी जाना जाता है। यह मंदिर भगवान श्रीराम को समर्पित है। इस मंदिर का निर्माण  16वीं शताब्दी में राजा मानसिंह के द्वारा करवाया गया था। 

panchmukhi hanuman temple

Image Source : FACEBOOK (LOST TEMPLES)
श्री पंचमुखी हनुमान मंदिर

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