नई दिल्लीः विजय माल्या से लेकर नीरव मोदी जैसे आर्थिक अपराधियों के लिए अब देश से कर्ज लेकर विदेश भाग कर अपनी जान बचा पाना अब आसान नहीं होगा। ऐसे भगोड़े किसी भी देश में रहेंगे तो वे पकड़कर भारत लाए जा सकेंगे। साथ ही उनकी संपत्तियों को कुर्क करके ऋण स्वरूप ली गई धनराशि की वसूली भी की जाएगी। जी-20 सम्मेलन में भारत आर्थिक भगोड़ों के प्रत्यर्पण को आसान बनाने का प्रारूप तैया कराने पर जो दे रहा है। ताकि भविष्य में कोई भी भगोड़ा देश और बैंकों को चूना न लगा सके।
केंद्रीय कार्मिक राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह ने सोमवार को कहा कि जी20 में बुधवार से शुरू हो रही भ्रष्टाचार रोधी कार्यकारी समूह की बैठक के दौरान चोरी हुई संपत्तियों की वसूली के अलावा भगोड़े आर्थिक अपराधियों को अधिक तेजी से पकड़ने तथा उन्हें प्रत्यर्पित करने के तरीकों पर विचार करेंगे। उन्होंने कहा कि भारत गुरुग्राम में होने वाली बैठक के दौरान भ्रष्टाचार के खिलाफ ‘कतई बर्दाश्त न करने’ की नीति सुनिश्चित करने और दुनियाभर में भ्रष्टाचार से निपटने की ओर प्रतिबद्धताओं को गहरा करने के वास्ते एक साथ मिलकर कदम उठाने पर जोर देगा। जी20 की एक से तीन मार्च तक भ्रष्टाचार रोधी कार्यकारी समूह (एसीडब्ल्यूजी) की पहली बैठक के मद्देनजर जारी एक बयान में सिंह ने कहा कि भारत की जी20 अध्यक्षता के समय अभूतपूर्व आर्थिक, भूराजनीतिक और जलवायु चुनौतियां हैं।
आर्थिक भगोड़ों को पकड़ने के साथ उनकी संपत्तियों को कुर्क करने पर होगी चर्चा
इसमें कहा गया कि भारत की अध्यक्षता में जी20 देश भगोड़े आर्थिक अपराधियों को अधिक तेजी से पकड़ने तथा उन्हें प्रत्यर्पित करने तथा उनकी संपत्तियों को कुर्क करने जैसी भविष्य की कार्रवाई पर भी विचार-विमर्श करेंगे। सिंह ने कहा, ‘‘भारत की अध्यक्षता का मकसद भ्रष्टाचार तथा आर्थिक अपराधों के खिलाफ कार्रवाई और चोरी हुई संपत्तियों की वसूली के लिए अंतरराष्ट्रीय सहयोग मजबूत करना है।’’ उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार से निपटने के लिए पारदर्शी नियामक रूपरेखा और प्रभावी आंतरिक नियंत्रण तंत्र वक्त की जरूरत है। भारत की जी20 अध्यक्षता की थीम ‘वसुधैव कुटुम्बकम’ का हवाला देते हुए सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन में भारत की जी20 अध्यक्षता के साथ आगे बढ़ते हुए कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग भ्रष्टाचार रोधी कार्यकारी समूह की पहली बैठक आयोजित कर रहा है। उन्होंने कहा कि तीन दिवसीय बैठक के दौरान 20 सदस्य देशों, 10 आमंत्रित देशों और नौ अंतरराष्ट्रीय संगठनों के 90 प्रतिनिधि भ्रष्टाचार रोधी अंतरराष्ट्रीय तंत्र को मजबूत करने पर विस्तारपूर्वक विचार-विमर्श करेंगे।
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