LGBTQ: भारतीय अमेरिकी LGBTQ सदस्यों ने शनिवार को भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अपील की है कि भारत में LGBTQ सदस्यों की अमेरिका की तरह अधिकार दिए जाएं। प्रधानमंत्री इस महीने 22 जून से 4 दिन की अमेरिका की राजकीय यात्रा पर जा रहे हैं। यहां अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन और प्रथम अमेरिकी महिला जिल बाइडन पीएम मोदी के सम्मान में रात्रिभोज आयोजित करेंगी।
LGBTQ के सदस्यों को अमेरिका जैसे अधिकार भारत में देने के संबंध में देसी रेनबो की कार्यकारी निदेशक अरुणा राव ने पीटीआई को बताया कि 'मैं कहना चाहती हूं कि भारतीय सुप्रीम कोर्ट में पिछले कुछ महीनों से समलैंगिक विवाह के मुद्दों पर बहस हो रही है। मैं पीएम मोदी से अनुरोध करती हूं कि वे इसका समर्थन करें। भारत में समलैंगिक समुदाय के समान अधिकारों का समर्थन करने का उनसे आग्रह करती हूं। हम भी मानव हैं और हमारे बच्चों और समलैंगिक समुदाय के सदस्यों का भी समान अधिकार है।'
'छोटे शहरों, गांवों में लोग LGBTQ का समर्थन नहीं करते'
राव उन भारतीय अमेरिकियों में से हैं, जिन्हें व्हाइट हाउस के साउथ लॉन में ऐतिहासिक प्राइड रैली में भाग लेने के लिए आमंत्रित किया गया था। उन्होंने कहा कि मेट्रो क्षेत्रों के कुछ लोग समलैंगिक समुदाय का समर्थन करते हैं। विधायी रूप से भी सरकार समलैंगिकों के अधिकारों के मामले में आगे बढ़ रही है, लेकिन अभी बहुत कुछ करना है। मेट्रो सिटी इलाकों में नहीं पर छोटे शहरों और गांवों में जहां लोग इसका समर्थन नहीं करते हैं।
व्हाइट हाउस प्राइड रैली में एक अन्य भारतीय-अमेरिकी लेस्ली किंग्स्टन ने उम्मीद जताई कि इस महीने के अंत में राष्ट्रपति बिडेन और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच अच्छी और सार्थक मुलाकात होगी। उन्होंने कहा कि उम्मीद करती हूं कि मोदी और बाइडन की द्विपक्षीय बैठक दोनों देशों के बीच के संबंध को और मजबूत करेगी। लेकिन मुझे उम्मीद है कि पीएम मोदी वास्तव में यहां दक्षिण एशियाई और भारतीय समुदाय को जानने के लिए यहां कुछ समय बिताएंगे। इससे उन्हें मालूम चले कि हम यहां कैसे प्रगति के लिए प्रयास कर रहे हैं और भारत में उसी तरह की चीजों को लागू करने और समलैंगिक समुदाय के लोगों को अधिकार देने में सक्षम हों।