Russia_Ukraine War & Nuclear Attack: रूस-यूक्रेन के बीच 10 महीने से चल रहे भीषण युद्ध का आखिरी वॉर क्या परमाणु युद्ध ही है, आखिर क्यों यह युद्ध लंबा ही खिंचता जा रहा है। कभी रूस यूक्रेन पर भारी तो कभी यूक्रेन रूस पर। मगर अब तक इस युद्ध का कोई भी नतीजा नहीं निकल सका है। इस युद्ध के चलते यूरोप समेत सभी पश्चिमी देशों और साउथ ईस्ट एशिया के देशों की भी आर्थिक स्थिति खस्ता होती जा रही है। पूरी दुनिया में महंगाई की मार से हाहाकार मचने लगा है। खाद्य और ऊर्जा का भारी संकट है। इसीलिए अब पश्चिमी देश भी चाहते हैं कि युद्ध को किसी तरह से रोका जाए। अब अमेरिका भी पुतिन से युद्ध रोकने की अपील कर रहा है, मगर पुतिन मानने को तैयार नहीं हैं।
इसी बीच एक बार फिर यूक्रेन पर परमाणु हमले की आशंका ने दुनिया में खलबली मचा दी है। इसका संकेत स्वयं रूसी राष्ट्रपति पुतिन ने दिया है। राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने कहा है कि परमाणु युद्ध का खतरा बढ़ रहा है। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि उनके मन में क्या चल रहा है। हालांकि पुतिन अभी इसे आखिरी शस्त्र के रूप में इस्तेमाल करने का संकेत दे रहे हैं। क्योंकि उन्होंने जोर देकर कहा कि परमाणु युद्ध का खतरा तो बढ़ा है, मगर मॉस्को 'पागल' नहीं है, वह पहले परमाणु हथियारों का इस्तेमाल नहीं करेगा। रिपोर्ट के अनुसार, रूस की वार्षिक मानवाधिकार परिषद की बैठक में पुतिन ने कहा कि यूक्रेन में युद्ध एक लंबी प्रक्रिया हो सकती है।
रूस के पास हैं सबसे अधिक परमाणु हथियार
मॉस्को से वीडियो लिंक के जरिए परमाणु युद्ध की संभावना पर बात करते हुए पुतिन ने चेताया, "ऐसा खतरा बढ़ रहा है, इसे छिपाना गलत होगा।"लेकिन उन्होंने जोर देकर कहा कि रूस किसी भी परिस्थिति में हथियारों का पहले इस्तेमाल नहीं करेगा और अपने परमाणु शस्त्रागार से किसी को भी धमकी नहीं देगा। रिपोर्ट के अनुसार, राष्ट्रपति ने यह भी कहा कि रूस के पास दुनिया में सबसे आधुनिक और उन्नत परमाणु हथियार हैं और उन्होंने अपनी परमाणु रणनीति की तुलना अमेरिका से की, जिसके बारे में उन्होंने कहा कि वह अन्य क्षेत्रों पर अपने परमाणु हथियारों का पता लगाकर रूस से आगे निकल गया था। हमारे पास अन्य देशों के क्षेत्र में सामरिक सहित परमाणु हथियार नहीं हैं, लेकिन अमेरिकियों के पास तुर्की और कई अन्य यूरोपीय देशों में हैं, उन्होंने कहा। पुतिन ने पहले जोर देकर कहा था कि रूस के परमाणु सिद्धांत में केवल परमाणु हथियारों के रक्षात्मक उपयोग की अनुमति है।