प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के जापान दौरे का आज तीसरा और आखिरी दिन है। पीएम मोदी आज G-7 के आखिरी सेशन में हिस्सा लेंगे। इससे पहले आज तड़के पीएम मोदी हिरोशिमा शांति स्मारक पहुंचे और परमाणु हमले में मारे गए लोगों को श्रद्धांजलि अर्पित की। यहां पहुंचकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अन्य नेताओं ने हिरोशिमा पीस मेमोरियल पार्क में पुष्पांजलि अर्पित की। इस दौरान पीएम मोदी के साथ ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री एंथनी अल्बनीस, जापानी के प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा और अन्य नेता मौजूद रहे।
परमाणु हमले में मारे गए थे 2 लाख से ज्यादा लोग
गौरतलब है कि 6 अगस्त, 1945 को पहले परमाणु बम के फटने के बाद हिरोशिमा शांति स्मारक ही एकमात्र वो बिल्डिंग है जो खड़ी रही थी। इसे ठीक उसी तरह से संरक्षित किया गया है जैसा विस्फोट के तुरंत बाद देखा गया था। 6 अगस्त 1945 को अमेरिका द्वारा किये गये परमाणु हमले में एक लाख बीस हज़ार से ज्यादा लोग इस शहर में मारे गये। दूसरा परमाणु हमला नागासाकी पर हुआ था जहां अस्सी हज़ार से ज्यादा लोग मारे गये।
G-7 के शिखर सम्मेलन का आज आखिरी दिन
जापान में जी-7 के शिखर सम्मेलन का आज आखिरी दिन है। आज सम्मेलन में हिस्सा लेने के बाद पीएम मोदी पपुआ न्यू गिनी के लिये रवाना हो जाएंगे। इससे पहले पीएम मोदी ने जी-7 के साथ-साथ क्वाड शिखर सम्मेलन में हिस्सा लिया। इस बैठक के बाद क्वाड देशों ने आतंकवाद के खिलाफ कड़ा बयान जारी किया है। क्वाड के बयान में कहा गया है कि आतंकवाद के सभी स्वरूपों की निंदा की जाती है और इसे रोकने के लिए सभी देश भागीदार के तौर पर मज़बूती के साथ काम करेंगे।
हिरोशिमा में ही हुई क्वाड की मीटिंग
जी-7 शिखर सम्मेलन के साथ साथ क्वाड की मीटिंग भी हुई। पहले ये मीटिंग ऑस्ट्रेलिया में होनी थी, लेकिन बायडेन के ऑस्ट्रेलिया दौरा रद्द करने की वजह से आखिरी पलों में मीटिंग को हिरोशिमा में रखा गया। जिसके बाद दुनिया की चार महाशक्तियां भारत, जापान, ऑस्ट्रेलिया और अमेरिका। इन चार क्वाड देशों की बड़ी मीटिंग हिरोशिमा में हुई। इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि ये एक बड़ा और अहम प्लेटफॉर्म है। इस मीटिंग में पीएम ने टेररिज्म के खिलाफ भी कड़ा संदेश दिया।
आतंक के खिलाफ क्वाड का साफ संदेश
क्वाड मीटिंग के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि हम स्पष्ट रूप से सीमा पार आतंकवाद सहित सभी रूपों और अभिव्यक्तियों में आतंकवाद और हिंसक उग्रवाद की निंदा करते हैं। हम अंतरराष्ट्रीय सहयोग के लिए प्रतिबद्ध हैं और अंतरराष्ट्रीय कानून के अनुरूप आतंकवाद और हिंसक उग्रवाद से उत्पन्न खतरों को रोकने, पता लगाने और प्रतिक्रिया करने की क्षमता को मजबूत करने के लिए व्यापक और निरंतर तरीके से अपने क्षेत्रीय भागीदारों के साथ काम करेंगे।
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