Highlights
- तजाकिस्तान और किर्गिस्तान के बीच सीमा पर लड़ाई
- रूस ने दोनों देशों के बीच हस्तक्षेप कर सीजफायर कराया
- सीमा पर हुई झड़प में कम से कम 100 लोगों की मौत
Kyrgyzstan Tajikistan Conflict: तजाकिस्तान और किर्गिस्तान के बीच सीमा पर जारी संघर्ष के चलते अभी तक करीब 100 लोगों की मौत हो गई है। तजाकिस्तान का कहना है कि किर्गिस्तान के साथ सीमा पर हुई हालिया झड़प में उसके 45 नागरिकों की मौत हो गई है। तजाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने अपने फेसबुक पेज पर बताया कि मृतकों में पुरुष, महिलाएं और बच्चे शामिल हैं। इसके साथ ही 139 लोग घायल भी बताए जा रहे हैं। ठीक इसी समय, किर्गिस्तान में 50 नागरिकों की मौत दर्ज की गई है। उसका कहना है कि तजाकिस्तान के साथ लगी सीमा के करीब बसे गांवों से लगभग 136,000 नागरिकों को बचाया गया है। दोनों देशों के बीच इस ताजा संघर्ष की शुरुआत बुधवार को हुई थी। जिसके बाद दोनों ही तरफ से शुक्रवार को रूस के हस्तक्षेप के बाद संघर्ष विराम का ऐलान किया गया।
पुतिन ने दोनों देशों से शांति बनाए रखने को कहा
रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने रविवार को तजाकिस्तान और किर्गिस्तान से इस संघर्ष को खत्म करने के लिए कहा। उन्होंने दोनों देशों के नेताओं के साथ बातचीत में शांतिपूर्ण, राजनीतिक और कूटनीतिक तरीकों से स्थिति को जल्द से जल्द हल करने के लिए कदम उठाने की मांग की। तजाकिस्तान और किर्गिस्तान दोनों ही पूर्व सवियत संघ के देश हैं। वह इस समय रूस के नेतृत्व वाले सामूहिक सुरक्षा संधि संगठन (सीएसटीओ) का हिस्सा हैं। बावजूद इसके इनके बीच तनाव बना हुआ है।
संघर्षविराम के बावजूद सैन्य झड़प जारी
रूस के हस्तक्षेप के बाद दोनों पक्षों ने संघर्षविराम पर सहमति व्यक्त की थी। लेकिन उसके बाद इनके बीच शांति नहीं हुई। तजाकिस्तान और किर्गिस्तान के बीच लड़ाई जारी है। दोनों एक दूसरे पर संघर्षविराम के उल्लंघन का आरोप लगा रहे हैं। किर्गिस्तान के अधिकारियों ने रविवार सुबह कहा कि शनिवार को दोनों पक्षों में भयंकर संघर्ष हुआ है। अधिकारियों ने कहा कि देश का नेतृत्व स्थिति को सामान्य बनाने और तनाव बढ़ाने के प्रयासों को रोकने के लिए सभी जरूरी कदम उठा रहा है। रविवार की दोपहर किर्गिस्तान के अधिकारियों ने एक बयान जारी कर कहा कि सीमा पर स्थिति शांत बनी हुई है और स्थिरीकरण की तरफ बढ़ा जा रहा है।
तजाकिस्तान और किर्गिस्तान के बीच तनाव का कारण?
तजाकिस्तान और किर्गिस्तान 1991 में सोवियत संघ के विघटन के बाद अस्तित्व में आए थे। पहले दोनों के बीच दोस्ती हुआ करती थी, लेकिन फिर बाद में सीमा पर तनाव शुरू हो गया। दोनों देशों के बीच 970 किलोमीटर (600 मील) की सीमा के लगभग आधे हिस्से का सीमांकन अभी किया जाना बाकी है। तजाकिस्तान और किर्गिस्तान के बीच ऐसे बहुत से इलाके हैं, जहां स्थायी तौर पर सीमांकन नहीं हुआ है। इन इलाकों पर दोनों ही देश दावा करते हैं, जिसकी वजह से अतीत में भी कई बार झड़प हो चुकी है। साल 2021 में इन दोनों देशों के बीच इसी तरह का संघर्ष हुआ था, जिसमें कम से कम 50 लोगों की मौत हो गई थी।
पानी को लेकर दोनों के बीच तनाव
तजाकिस्तान और किर्गिस्तान में पानी की भारी किल्लत है। दोनों ही देशों का अधिकतर हिस्सा सूखा रेगिस्तान है। यहां ठंड अधिक रहती है लेकिन पानी के प्राकृतिक स्त्रोत बेहद कम हैं। ऐसी स्थिति में दोनों देशों के बीच बहने वाली नदियों के पानी को लेकर विवाद है। इनके बीच सीमावर्ती क्षेत्र में मौजूद जलाशयों, तालाबों और झीलों को लेकर कई बार झड़प हो चुकी है। सीमा का उचित विभाजन नहीं होने के चलते पहले संघर्ष की शुरुआत दोनों देशों के नागरिकों के बीच हुई थी, जिसमें बाद में देश की सेनाएं भी जुड़ गईं।