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नेपाल में सरकार बनाने का दावा पेश करने के बाद प्रधानमंत्री बनने को तैयार ओली, जानें भारत से कैसे रहे हैं संबंध

नेपाल में प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल प्रचंड की सरकार गिर जाने के बाद पूर्व पीएम केपी शर्मा ओली ने नई सरकार बनाने का दावा पेश कर दिया है। सोमवार को ओली अपनी कैबिनेट के साथ शपथ ग्रहण कर सकते हैं। पूर्व पीएम शेर बहादुर देउबा से ओली ने समर्थन लिया है।

Edited By: Dharmendra Kumar Mishra @dharmendramedia
Published on: July 13, 2024 21:29 IST
केपी शर्मा ओली, नेपाल के पूर्व प्रधानमंत्री।- India TV Hindi
Image Source : REUTERS केपी शर्मा ओली, नेपाल के पूर्व प्रधानमंत्री।

काठमांडूः नेपाल सरकार में भारी उठापठक होने के बाद प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल प्रचंड की सरकार गिर गई है। इसके बाद पूर्व प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने राष्ट्रपति के पास नई सरकार बनाने का दावा पेश किया है। ओली नेपाल के नए प्रधानमंत्री बनने जा रहे हैं। के पी शर्मा ओली ने अपने गठबंधन सहयोगी नेपाली कांग्रेस के साथ नयी गठबंधन सरकार में शामिल किए जाने वाले मंत्रियों की सूची तैयार करने को लेकर शनिवार को विचार विमर्श किया। नई गठबंधन सरकार के सोमवार को शपथ लेने की संभावना है।

नेपाल के राष्ट्रपति रामचंद्र पौडेल रविवार दोपहर तक ओली (72) को नेपाली कांग्रेस-सीपीएन (यूएमएल) गठबंधन का नया प्रधानमंत्री नियुक्त कर सकते हैं। नेपाली कांग्रेस और यूएमएल के करीबी सूत्रों ने बताया, ‘‘राष्ट्रपति सोमवार सुबह नए प्रधानमंत्री और मंत्रिमंडल के अन्य सदस्यों को शपथ दिला सकते हैं। शपथ ग्रहण समारोह शुरू होने से पहले सोमवार को एक छोटे मंत्रिमंडल की घोषणा होने की संभावना है।’’ नेपाल में राजनीतिक उथल-पुथल के बीच, नेपाल की कम्युनिस्ट पार्टी-एकीकृत मार्क्सवादी लेनिनवादी (सीपीएन-यूएमएल) के अध्यक्ष ओली (72) का एक बार फिर प्रधानमंत्री बनना तय है, क्योंकि मौजूदा प्रधानमंत्री पुष्प कमल दाहाल ‘प्रचंड’ शुक्रवार को संसद में विश्वास मत हासिल करने में असफल रहे।

ओली ने पूर्व पीएम देउबा से लिया समर्थन

शुक्रवार देर रात ओली ने शेर बहादुर देउबा के नेतृत्व वाली पार्टी नेपाली कांग्रेस (एनसी) के समर्थन से अगला प्रधानमंत्री बनने का दावा पेश किया था और संविधान के अनुच्छेद 76-2 के तहत सरकार बनाने के लिए प्रतिनिधि सभा के 165 सदस्यों के हस्ताक्षर सौंपे थे। इन सांसदों में ओली की पार्टी के 77 और नेपाली कांग्रेस के 88 सांसद शामिल हैं। ओली के एक करीबी सूत्र ने बताया कि कुल 21 मंत्रालयों में से नेपाली कांग्रेस को नौ मंत्रालय और सीपीएन-यूएमएल को आठ मंत्रालय मिलेंगे, साथ ही प्रधानमंत्री का पद भी मिलेगा। सूत्र ने बताया, ‘‘गृह, विदेश, वित्त और ऊर्जा जैसे प्रमुख पदों को एनसी और यूएमएल के बीच बांटा जाएगा।

भारत से तनावपूर्ण रहे हैं ओली के रिश्ते

भारत के साथ पूर्व पीएम केपी शर्मा ओली के रिश्ते बेहद तनावपूर्ण रहे हैं। केपी ओली चीन के समर्थक माने जाते हैं। ओली के पीएम रहने के दौरान कालापानी, लिम्पियाधुरा और लिपुलेख का विवाद काफी गंभीर हो गया था। ओली ने भारत के इन क्षेत्रों पर नेपाल का दावा ठोंक दिया था। ऐसे में माना जा रहा है कि ओली के फिर से सत्ता में आने के बाद यह मुद्दा दोबारा दोनों देशों के बीच तनाव की वजह बन सकता है। 

नेपाली कांग्रेस के खाते में जा सकता है गृह मंत्रालय

नेपाली कांग्रेस को गृह मंत्रालय मिलने की संभावना है, जबकि वित्त मंत्रालय यूएमएल को मिलेगा।’’ इससे पहले, शनिवार को सीपीएन-यूएमएल ने भविष्य की रणनीति पर चर्चा करने और नए मंत्रिमंडल में शामिल किए जाने वाले मंत्रियों के नामों को अंतिम रूप देने के लिए एक उच्च स्तरीय बैठक की। हालांकि, पार्टी के वरिष्ठ नेता और स्थायी समिति के सदस्य राजन भट्टराई के अनुसार, शुरुआत में एक छोटा मंत्रिमंडल होगा, जिसका बाद में विस्तार किया जाएगा। (भाषा)

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