नई दिल्ली: सरकार ने बुधवार को लोकसभा को बताया कि 2024 में हज के दौरान 200 से अधिक भारतीय यात्रियों की मौत हुई है, जिनमें से अधिकांश की मृत्यु हृदय गति थमने और श्वसन संबंधी समस्याओं के कारण हुई। अल्पसंख्यक मामलों के केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में कहा कि भारत सरकार ने हज यात्रा के सफल संचालन और भारतीय यात्रियों की सुरक्षा एवं कल्याण सुनिश्चित करने पर काफी जोर दिया है।
कितनी थी उम्र
मंत्री ने कहा, “हज के दौरान कुल 201 भारतीय यात्रियों की मौत हुई, जिनमें से अधिकांश की मौत हृदय गति थमने और श्वसन संबंधी समस्याओं के कारण हुई।" उन्होंने बताया कि कुल मृतकों में से 70 प्रतिशत की उम्र 60 वर्ष या उससे अधिक थी। उन्होंने कहा कि हज 2024 में हज कमेटी ऑफ इंडिया द्वारा यात्रियों की सहायता के लिए भेजे गए खादिम-उल-हुज्जाज (केयूएच) की संख्या बढ़कर 641 हो गई है, जो पिछले वर्ष की संख्या से दोगुनी से भी अधिक है।
सऊदी अरब में भीषण गर्मी
बता दें कि, हज यात्रा एक महत्वपूर्ण धार्मिक अनुष्ठान है जिसे हर साल लाखों मुस्लिम लोग सऊदी अरब के मक्का में जाकर संपन्न करते हैं। इस वर्ष, सऊदी सरकार और भारतीय हज समिति ने यात्रियों की सुरक्षा और स्वास्थ्य सुनिश्चित करने के लिए कई उपाय किए थे, लेकिन फिर भी कुछ दुर्भाग्यपूर्ण घटनाएं हुई हैं। इस साल सबसे ज्यादा 1,75,000 भारतीय हज यात्रा के लिए मक्का पहुंचे थे। हज के दौरान सऊदी अरब में पारा 50 डिग्री के पार तक पहुंच गया था।
अधिकारियों ने दी थी सलाह
हज यात्रा को दौरान वॉलेंटियर्स ने हर तरह से हाजियों की मदद की थी। गर्मी से बचने के लिए हाजियों को कोल्ड ड्रिंक और आइसक्रीम दी गई थी। सऊदी अधिकारियों ने हाजियों से छाते का उपयोग करने, खूब पानी पीने और दिन के सबसे गर्म घंटों के दौरान धूप में निकलने से बचने की सलाह भी दी थी। (भाषा)
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