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कुरान रखना पड़ रहा भारी, महिलाओं से दुष्कर्म, चीन में मुस्लिमों के साथ हो रहा बुरा बर्ताव

चीन के शिनजियांग प्रांत में उइगर मुस्लिमों को कुरान रखने पर चरमपंथी की संज्ञा दी जा रही है। यही नहीं, चीन के अधिकारियों ने उइगर मुसलमानों के फोन की निगरानी भी करना शुरू कर दिया है।

Written By: Deepak Vyas @deepakvyas9826
Published : May 11, 2023 23:04 IST, Updated : May 11, 2023 23:31 IST
कुरान रखना पड़ रहा भारी, महिलाओं से दुष्कर्म, चीन में मुस्लिमों के साथ हो रहा बुरा बर्ताव
Image Source : FILE कुरान रखना पड़ रहा भारी, महिलाओं से दुष्कर्म, चीन में मुस्लिमों के साथ हो रहा बुरा बर्ताव

China: चीन में मुस्लिमों के कैसा बुरा बर्ताव किया जा रहा है, कितनी यातनाएं दी जाती हैं, ये दुनिया जानती है। वहां उइगर मुस्लिमों के हालात बेहद चिंताजनक हैं। ताजा घटनाक्रम में यह मामला सामने आया है कि चीन के शिनजियांग प्रांत में उइगर मुस्लिमों को कुरान रखने पर चरमपंथी की संज्ञा दी जा रही है। यही नहीं, चीन के अधिकारियों ने उइगर मुसलमानों के फोन की निगरानी भी करना शुरू कर दिया है। ह्यूमन राइट्स वॉच की हालिया रिपोर्ट में इस बात का खुलासा हुआ है। इस रिपोर्ट में कहा गया है कि शिनजियांग प्रांत की पुलिस ने 50 हजार मल्टीमीडिया फाइलें जारी की हैं। इनके आधार पर उन्होंने उइगर मुसलमानों और तुर्क मुस्लिमों को हिंसक और चरमपंथी करार दिया है।

बड़े पैमाने पर उइगर मुस्लिमों के जांचे जा रहे फोन

शिनजियांग पुलिस की वेबसाइट के लीक डेटा के अनुसार 2017 से 2018 तक 9 महीनों के दौरान पुलिस ने शिनजियांग की राजधानी शहर उरुमकी में बड़े पैमाने पर उइगर मुसलमानों के मोबाइल फोन की जांच की। चीन में एचआरडब्ल्यू के कार्यवाहक निदेशक ने इसके बारे में जानकारी देते हुए कहा कि सर्विलांस तकनीक की मदद से बीजिंग उइगर मुसलमानों के फोन की जांच करता है। जिन लोगों के मोबाइल में कुरान मिलती है, पुलिस उनसे कभी पूछताछ शुरू कर सकती हैं। 

ह्यूमन राइट्स वॉच की रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि लीक हुए पुलिस डेटा से पता चला है कि उरुमकी के लगभग 1,400 निवासियों के फोन में 1,000 से अधिक ऐसी फाइलें पाईं गई हैं जो पुलिस की मास्टर सूची से मेल खाती थीं। रिपोर्ट्स के मुताबिक, इन फाइलों में पुलिस को काफी हिंसक फोटो वीडियो औप ऑडियो मिले हैं। बता दें कि 10 लाख से ज्यादा उइगर चीन की कैद में इस समय हैं। शिनजियांग प्रांत में री-एजुकेशन कैंप के नाम पर मुसलमानों को प्रताड़ित किया जाता है। 

चीन ने 2017 से रोजा रखने पर लगाया प्रतिबंध

चीन के पूर्वी झिंजियांग स्थित रेडियो फ्री एशिया की रिपोर्ट के मुताबिक पिछले दिनों रमजान माह के दौरान भी उइगर मुस्लिमों के साथ चीन ने बुरा बर्ताव किया और उन्हें रोजा भी नहीं रखने दिया था। रिपोर्ट के मुताबिक, उइगर मुसलमानों की संस्कृति, उनकी भाषा, धर्म को कम करने के उद्श्य से चीन ने 2017 में रमजान के दौरान शिनजियांग प्रांत में मुस्लिमों रोजा रखने पर बैन लगाना शुरू कर दिया था। इस दौरान उइगरों को ‘फिर से शिक्षित‘ करने के लिए अधिकारियों ने उन्हें कैंप में बंद करना शुरू कर दिया था।

इस दौरान चीनी अधिकारियों ने जरूर 2021 और 2022 में प्रतिबंधों में आंशिक रूप से ढील दी थी। तब 65 साल से अधिक उम्र के मुस्लिमों को रोजा रखने की परमिशन दी गई थी। पुलिस ने घरों की तलाशी और रोड पर गश्ती की संख्या भी कम कर दी थी। रेडियो फ्री एशिया ने एक पुलिस स्टेशन के राजनीतिक अधिकारी के हवाले से बताया कि इस वर्ष चीन की सरकार ने आयु, लिंग और पेशे को तवज्जो दिए बिना रोजा रखने पर ‘बैन‘ लगाया है। 

हर गांव में जासूसों की तैनाती, जो रोजे रखने वालों पर नजर रखते हैं

तुरपन सिटी बाजार पुलिस स्टेशन के एक कर्मचारी की मानें तो पिछले दिनों रमजान के पहले हफ्ते की अवधि में चीनी अधिकारियों ने 56 मुस्लिमों और पूर्व कैदियों को पूछताछ के लिए बुलाया और कहा कि उनमें से 54 लोगों ने रोजा रखकर कानून तोड़ा है। तुरपन के पुलिस सटेशनों ने हर गांव में दो से तीन जासूसों की तैनाती भी की है। जो रमजान में रोजा रखने वालों, हिरासत में लिए गए लोगों और जेल से रिहा लोगों की गतिविधियों पर नजर रखते हैं। 

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