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जिनपिंग-पुतिन शिखर बैठक: चीन ने रूस के साथ सुर में सुर मिलाते हुए नाटो के विस्तार का विरोध किया

बीजिंग। यूक्रेन के साथ बढ़ते तनाव के बीच, चीन ने शुक्रवार को रूस से सहमति जताते हुए नाटो के विस्तार का विरोध किया। वहीं मास्को ने परोक्ष रूप से क्वाड पर आपत्ति जताते हुए एशिया-प्रशांत क्षेत्र में उसके (क्वाड के) संगठन बनाने के बीजिंग के विरोध का समर्थन किया। 

Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Published on: February 05, 2022 7:01 IST
xi jinping-putin in summit- India TV Hindi
Image Source : TWITTER xi jinping-putin in summit

Highlights

  • अमेरिका के नाटो देशों के समर्थन में सैनिक यूरोप भेजने का मामला
  • सैनिक भेजने पर रूस ने जताई थी आपत्ति, अब चीन ने भी उसका समर्थन किया
  • क्वाड पर चीन की अमेरिका से आपत्ति का रूस ने किया समर्थन

बीजिंग। यूक्रेन के साथ बढ़ते तनाव के बीच, चीन ने शुक्रवार को रूस से सहमति जताते हुए नाटो के विस्तार का विरोध किया। वहीं मास्को ने परोक्ष रूप से क्वाड पर आपत्ति जताते हुए एशिया-प्रशांत क्षेत्र में उसके (क्वाड के) संगठन बनाने के बीजिंग के विरोध का समर्थन किया। बीजिंग शीतकालीन ओलंपिक के उद्घाटन समारोह से इतर चीन के राष्ट्रपति शी जिनफिंग ने अपने रुसी समकक्ष व्लादिमीर पुतिन के साथ शिखर बैठक के दौरान बातचीत की और संयुक्त बयान जारी किया। दोनों देशों ने अमेरिका और उसके सहयोगी देशों के विरुद्ध गठबंधन को मजबूत करने पर बल दिया। 

रूस ने चीन के समर्थन में क्वाड पर आपत्ति जताई

अमेरिका और रूस के बीच उक्रेन के मामले में तनातनी के बीच चीन का रूस के पक्ष में बयान देना कई नए समीकरणों को बताता है। अमेरिका द्वारा चीन को घेरने के लिए बनाए जा रहे क्वाड के विरोध में रूस ने चीन का समर्थन किया है, वहीं नाटो के विस्तार से चिंतित रूस के पक्ष में चीन समर्थन कर रहा है। इससे दो अलग—अलग धुरियां बनती दिखाई दे रही है। बता दें कि मोटे तौर पर तो क्वाड (Quad) चार देशों का संगठन है। इसमें भारत, अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और जापान शामिल हैं। ये चारों देश विश्व की बड़ी आर्थिक शक्तियां हैं। 2007 में जापान के तत्कालीन प्रधानमंत्री शिंजो आबे ने इसे क्वाड्रीलैटरल सिक्योरिटी डायलॉग या क्वाड को औपचारिक रूप दिया था। अब अमेरिका इसे मजबूत करना चाहता है।

गौरतलब है कि रूस के यूक्रेन सीमा के समीप जमे 1 लाख रूसी सैनिकों के जवाब में अमेरिका से और अधिक सैनिकों को यूरोप भेजा जा रहा है। यूक्रेन पर रूस के सैन्य आक्रमण की आशंका के बीच नाटो के पूर्वी हिस्से पर अपने सहयोगियों के प्रति अमेरिकी कटिद्धता प्रदर्शित करते हुए अमेरिकी राष्ट्रपति जो.बाइडन इस हफ्ते करीब 2 हजार सैनिक पोलैंड और जर्मनी भेज रहे हैं तथा जर्मनी से 1000 सैनिक रोमानिया पहुंचा रहे हैं। यह बात पेंटागन (अमेरिकी रक्षा विभाग) स्पष्ट कर चुका है।

उधर, रूस ने कड़े शब्दों में प्रतिक्रिया व्यक्त दी थी कि इन तैनातियों का कोई आधार नहीं है तथा यह ‘विध्वंसकारी’ है। पुतिन कह चुके  हैं कि पश्चिमी देश रूस की सुरक्षा चिंताओं पर ध्यान नहीं दे रहे हैं। पेंटागन के अनुसार सैन्यबलों की तैनाती का मकसद अमेरिका और संबद्ध सहयोगियों के रक्षात्मक ठिकानों का अस्थायी रूप से मनोबल बढ़ाना है तथा अमेरिकी सैन्यबल यूक्रेन में दाखिल नहीं होंगे। 

इनपुट-भाषा

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