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जापान ने समंदर में छोड़ी न्यूक्लियर प्लांट के रेडियोएक्टिव पानी की दूसरी खेप, चीन करता है विरोध

चीन सहित पड़ोसी देशों के विरोध के बावजूद जापान रेडियोएक्टिव जल छोड़ रहा है। पहली खेप खत्म होने के बाद अब जापान ने दूसरी खेप छोड़ना शुरू कर दिया है। इसके लिए संशोधित रेडियोधर्मी जल को समुद्र में छोड़ने के लिए एक पंप चालू कर दिया।

Written By: Deepak Vyas @deepakvyas9826
Published : Oct 05, 2023 13:17 IST, Updated : Oct 05, 2023 14:55 IST
जापान ने समंदर में छोड़ी न्यूक्लियर प्लांट के रेडियोएक्टिव पानी की दूसरी खेप
Image Source : AP जापान ने समंदर में छोड़ी न्यूक्लियर प्लांट के रेडियोएक्टिव पानी की दूसरी खेप

Japan News: जापान ने एक बार फिर समंदर में रेडियोएक्टिव पानी छोड़ना शुरू कर दिया है। फुकुशिमा न्यूक्लियर प्लांट के रेडियोएक्टिव पानी की यह दूसरी खेप है, जो जापान ने छोड़ी है। जापान में मार्च 2011 में आए भीषण भूकंप और सुनामी से लगभग तबाह हुए फुकुशिमा परमाणु संयंत्र के संचालक ने कहा कि संशोधित रेडियोधर्मी जल की दूसरी खेप को समुद्र में छोड़ने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। संशोधित रेडियोधर्मी जल की पहली खेप को समुद्र में छोड़ने का काम खत्म होने के बाद दूसरी खेप को छोड़ना शुरू किया गया है। संयंत्र के संचालक ‘तोक्यो इलेक्ट्रिक पावर कंपनी होल्डिंग्स’ (तेपको) ने कहा कि कर्मचारियों ने संशोधित रेडियोधर्मी जल को समुद्र में छोड़ने के लिए एक पंप चालू कर दिया। शोधित जल को समुद्र में छोड़ने की प्रक्रिया दशकों तक चलने की संभावना है। इस योजना का मछुआरा समुदाय और दक्षिण कोरिया समेत पड़ोसी देशों ने काफी विरोध किया है। 

जापान के मछुआरा समुदाय ने पानी छोड़ने का किया विरोध।

Image Source : AP
जापान के मछुआरा समुदाय ने पानी छोड़ने का किया विरोध।

जापान के 'सीफूड' पर कई देशों का प्रतिबंध

जापान के मछुआरा समुदाय ने इस योजना का यह कहते हुए विरोध किया था कि इससे ‘सीफूड’ की साख गिरेगी। चीन ने जापान से ‘सीफूड’ के आयात पर प्रतिबंध लगा दिया है, जिससे जापानी ‘सीफूड’ उत्पादकों तथा निर्यातकों को काफी नुकसान हो रहा है। संयंत्र ने सबसे पहले 24 अगस्त को संशोधित रेडियोधर्मी जल को समुद्र में छोड़ने की प्रक्रिया शुरू की थी और यह 11 सितंबर को समाप्त हुई थी। तेपको ने बताया कि उसने 10 टैंकों से 7,800 टन शोधित जल समुद्र में छोड़ा। दूसरे चरण में उसकी 17 दिन में 7,800 टन शोधित जल प्रशांत महासागर में छोड़ने की योजना है। संयंत्र में करीब 1,000 टैंकों में लगभग 13.4 लाख टन रेडियोधर्मी जल रखा है।

चीन ने किया था भारी विरोध

जापान ने जब रेडियोएक्टिव पानी की पहली खेप छोड़ी थी तो चीन सहित कई देशों के विरोध का सामना उसे करना पड़ा था। चीन ने जापान से आने वाले 'सी फूड' के आयात पर प्रतिबंध भी लगा दिया। इस मामले में चीन की ओर से जापान को धमकीभरे कॉल किए गए। इस पर टेंशन में आए जापान ने ऐतराज जताया। 

चीन के विरोध के बीच मलेशियन सेलिब्रटी अंबर चिया के साथ सीफूड खाते जापानी कृषि मंत्री।

Image Source : AP
चीन के विरोध के बीच मलेशियन सेलिब्रटी अंबर चिया के साथ सीफूड खाते जापानी कृषि मंत्री।

चीन कर रहा धमकीभरे कॉल

जापान ने प्रत्यारोप में कहा था कि पानी छोड़ने के बाद से चीन धमकी भरे कई फोन कॉल कर चुका है। जापान ने कहा कि यह बेहद अफसोसजनक है कि चीन ऐसा व्यवहार कर रहा है। फुकुशिमा परमाणु ऊर्जा संयंत्र से प्रशांत क्षेत्र में उपचारित रेडियोधर्मी युक्त पानी छोड़ने के संबंध में चीन से उत्पीड़न के कई मामले सामने आए। 

2011 में भूकंप और सुनामी के कारण ​न्यूक्लियर प्लांट में हुआ था विस्फोट

जापान ने गुरुवार को समुद्र में फुकुशिमा न्यूक्लियर प्लांट का पानी छोड़ना शुरू किया था। जापानी समय के मुताबिक दोपहर 1:03 बजे ये प्रोसेस शुरू किया गया। जापान टाइम्स के मुताबिक, पहले दिन करीब 2 लाख लीटर पानी छोड़ा गया। 12 साल पहले 2011 में आए भूकंप और सुनामी की वजह से फुकुशिमा न्यूक्लियर प्लांट में भयानक विस्फोट हुआ था। इसके बाद से ही वहां 133 करोड़ लीटर रेडियोएक्टिव पानी जमा रहा।

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