S. Jaishankar Bangladesh Visit: विदेश मंत्री जयशंकर आज बांग्लादेश के दौरे पर पहुंचे। बांग्लादेश में होने जा रहे दो दिन के हिंद महासागर में सम्मेलन में भारत सहित 40 देशों के प्रतिनिधि जुटेंगे। ये देश हिंद महासागर के देश हैं। दरअसल, जयशंकर का बांग्लादेश दौरा एक तरह से मिशन बांग्लादेश है और मिशन बांग्लादेश के केंद्र में है हिंद महासागर। हर साल होने वाले इस हिंद महासागर की कॉन्फ्रेंस के माध्यम से समंदर में इन देशों का आपसी सहयोग बढ़ाना अहम प्राथमिकता है। ऐसे समय में यह सम्मेलन बहुत अहम है, जब चीन हिंद महासागर में अपनी गतिविधियां बढ़ा रहा है।
विदेश मंत्री जयशंकर के बांग्लादेश पहुंचने फूलों के गुलदस्ते के साथ उनका स्वागत किया गया। यह तस्वीर खुद विदेश मंत्री ने ट्विटर पर शेयर की। तस्वीर में जशंकर के साथ उनके समकक्ष मोहम्मद शहरयार आलम मुस्कुराते नजर आ रहे हैं। सम्मेलन के दौरान क्षेत्रीय सहयोग की संभावनाओं पर विचार-विमर्श किया जाएगा। इंडिया फाउंडेशन ने बांग्लादेश के विदेश मंत्रालय के साथ मिलकर सम्मेलन के छठे संस्करण का आयोजन किया है। इस बार सम्मेलन की थीम ‘शांति, समृद्धि और उज्ज्वल भविष्य के लिए साझेदारी’ है। सम्मेलन में 40 देशों के 300 से अधिक प्रतिनिधि हिस्सा ले रहे हैं। दो दिन के इस सम्मेलन में 27 देशों के राष्ट्रप्रमुख और मंत्री हिस्सा लेंगे।
मिशन बांग्लादेश में शामिल होंगे ये अहम देश
हिंद महासागर सम्मेलन में मॉरिशस के राष्ट्रपति, मालदीव के उपराष्ट्रपति भी शामिल होंगे। भूटान, नेपाल, बहरीन और सिंगापुर के विदेश मंत्री भी शामिल हो रहे हैं। ऐसे में भारत की कोशिश होगी की हिंद महासागर में किसी भी देश का दबदबा या दादागिरी की कोशिशों पर रोक लगाने को लेकर सहमति बने।
चीन की हिंद महासागर में हरकतें रोकने की कोशिश
हिंद महासागर में चीन अपनी मौजूदगी नियम के विरुद्ध बढ़ा रहा है। पहले बेल्ट एंड रोड प्रोजेक्ट के तहत चीन एशिया, अफ्रीका में अपनी पहुंच और उसके बाद धाक बढ़ाना चाहता है। समंदर में वह दक्षिण चीन सागर में अपनी दादागिरी पहले से ही कर रहा है। अब हिंद प्रशांत क्षेत्र में खासकर हिंद महासागर में चीनी युद्धपोत दिखाई देने लगे हैं। ऐसे में चीन को चुनौती देने के लिए बांग्लदेश में होने वाला हिंद महासागर सम्मेलन काफी अहम है। हिंद महासागर सम्मेलन की शुरुआत साल 2016 में सिंगापुर में 30 देशों की भागीदारी के साथ हुई थी।