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जयशंकर की मास्को यात्रा ने भारत-रूस के रिश्तों को दी नई उड़ान, नए मुकाम पर रणनीतिक साझेदारी

विदेशमंत्री जयशंकर की रूस यात्रा से दोनों देशों के रणनीतिक और व्यापारिक संबंधों को नई ऊंचाई मिली है। जयशंकर 5 दिनों की रूसी यात्रा पर थे। इस दौरान उन्होंने राष्ट्रपति पुतिन और विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव से भी मुलाकात की। साथ ही दोनों देशों के रिश्तों को मजबूत किया।

Edited By: Dharmendra Kumar Mishra @dharmendramedia
Published on: December 30, 2023 17:56 IST
मास्को में रूसी राष्ट्रपति पुतिन से मिलते, विदेश मंत्री एस जयशंकर।- India TV Hindi
Image Source : PTI मास्को में रूसी राष्ट्रपति पुतिन से मिलते, विदेश मंत्री एस जयशंकर।

विदेश मंत्री एस जयशंकर की पांच दिवसीय मास्को यात्रा संपन्न हो चुकी है। इस यात्रा ने भारत और रूस के रिश्तों को नई उड़ान दी है। रूस-यूक्रेन युद्ध शुरू होने के बाद विदेश मंत्री एस जयशंकर की यह पहली रूसी यात्रा है। इस दौरान दोनों देशों ने अपनी रणनीतिक साझेदारी को भी नया आयाम दिया है। जयशंकर ने रूस के राष्ट्रपति से लेकर विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव और अन्य रूसी नेताओं से मुलाकात की। साथ ही भारत-रूस के बीच अहम द्विपक्षीय वार्ता हुई। विदेश मंत्रालय ने शनिवार को कहा कि विदेश मंत्री एस जयशंकर की रूस यात्रा ने पहले से जारी द्विपक्षीय सहयोग की समीक्षा करने एवं विशेषाधिकार प्राप्त रणनीतिक साझेदारी को और मजबूत करने का अवसर प्रदान किया है।

बता दें कि जयशंकर 25 से 29 दिसंबर तक रूस के दौरे पर थे। इस दौरान उन्होंने रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मुलाकात की और उपप्रधानमंत्री एवं उद्योग व्यापार मंत्री डेनिस मंटुरोव के साथ चर्चा की। उन्होंने अपने रूसी समकक्ष सर्गेई लावरोव से भी मुलाकात की। विदेश मंत्री ने व्यापार और आर्थिक मुद्दों, ऊर्जा, रक्षा, कनेक्टिविटी, सांस्कृतिक संबंधों, लोगों से लोगों के बीच संपर्क और दोनों देशों के बीच सहयोग को लेकर विचारों का व्यापक आदान-प्रदान किया। उन्होंने बहुपक्षीय सहयोग सहित वैश्विक और क्षेत्रीय घटनाक्रमों पर भी अपने विचार साझा किए।

परमाणु ऊर्जा समझौता रहा सबसे अहम

जयशंकर की रूस यात्रा के दौरान कुडनकुलम परमाणु ऊर्जा संयंत्रों से संबंधित तीन दस्तावेजों, औषधि और स्वास्थ्य सेवा में सहयोग पर एक समझौता ज्ञापन तथा विदेश कार्यालय परामर्श पर एक प्रोटोकॉल पर हस्ताक्षर किए गए। विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा, "विदेश मंत्री की रूस यात्रा ने जारी द्विपक्षीय सहयोग की समीक्षा करने तथा दोनों देशों के बीच विशेषाधिकार प्राप्त रणनीतिक साझेदारी को और मजबूत करने का अवसर प्रदान किया है।" इसमें कहा गया, "भारत-रूस संबंध रणनीतिक, भूराजनीतिक हितों और दोनों देशों के बीच पारस्परिक रूप से लाभकारी सहयोग के आधार पर मजबूत एवं स्थिर बने हुए हैं।"

बुधवार को, क्रेमलिन में जयशंकर की पुतिन से मुलाकात के दौरान रूसी राष्ट्रपति ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को अगले साल रूस आने का निमंत्रण दिया। पुतिन ने जयशंकर से कहा, "हमें अपने मित्र श्रीमान प्रधानमंत्री मोदी को रूस में देखकर खुशी होगी।" अब तक भारत और रूस में बारी-बारी से 21 वार्षिक शिखर सम्मेलन हो चुके हैं। पिछला शिखर सम्मेलन दिसंबर 2021 में नयी दिल्ली में हुआ था। (भाषा) 

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