
इस्लामाबाद: पाकिस्तान के बलूचिस्तान में इस महीने की शुरुआत में जाफर एक्सप्रेस के अपहरण में मदद करने के आरोप में चार संदिग्धों को गिरफ्तार किया गया है। पाकिस्तान की सबसे बड़ी ट्रेन हाईजैक की इस घटना में अपहरणकर्ताओं ने 18 सुरक्षाकर्मियों सहित 26 बंधकों को मार गिराया था। प्रतिबंधित अलगाववादी संगठन बलूच लिबरेशन आर्मी (बीएलए) ने 440 यात्रियों को ले जा रही जाफर एक्सप्रेस का अपहरण कर लिया था। इस हमले में 26 बंधकों की जान चली गई थी।
पाकिस्तान की सेना ने अगले दिन सभी 33 आतंकवादियों को मार गिराने और 354 बंधकों को मुक्त कराने का दावा किया था। हालांकि बीएलए का दावा था कि उसने 214 बंधकों समेत काफी संख्या में पाकिस्तानी सैनिकों को भी मार दिया है। ट्रेन हाईजैक केस के बाद से बलूचिस्तान में कई हमले हुए हैं। डॉन अखबार की रिपोर्ट के अनुसार, बलूचिस्तान पुलिस के आतंकवाद निरोधी विभाग (सीटीडी) के सूत्रों ने गिरफ्तारियों की पुष्टि की है।
भारी मात्रा में हथियार बरामद
सीटीडी के सूत्रों ने कहा कि विभिन्न कानून प्रवर्तन एजेंसियों के वरिष्ठ अधिकारियों की एक संयुक्त टीम जाफर एक्सप्रेस पर हमले की जांच कर रही है। "इन चार संदिग्धों को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया गया है," उन्होंने कहा कि हमलावरों की पहचान करने के प्रयास भी जारी हैं। हमले में मारे गए आतंकवादियों के अवशेष फोरेंसिक साइंस एजेंसी को भेजे गए हैं। सूत्रों ने कहा कि हमलावरों द्वारा इस्तेमाल किए गए हथियार और संचार उपकरणों को जब्त कर लिया गया है और फोरेंसिक विश्लेषण के लिए भेज दिया गया है। इसके अलावा, हमलावरों के फिंगरप्रिंट पहचान के लिए राष्ट्रीय डेटाबेस प्राधिकरण को भेजे गए हैं।ट्रेन के अपहरण ने बलूचिस्तान में विद्रोही समूहों को भी बढ़ावा दिया है और इसके बाद कई अन्य छोटे आतंकवादी हमले हुए हैं।
ट्रेन हाईजैक के बाद एक अटैक में मारे गए थे 90 पाक सैनिक
बीएलए ने ट्रेन हाईजैक के बाद एक और बड़ी घटना को अंजाम दिया था, जिसमें उसने पाक सैनिकों के बसों के काफिले पर बड़ा हमला कर दिया था। इसमें बीएलए ने 90 पाकिस्तानी सैनिकों को मारने का दावा किया था। तब से लगातार पाकिस्तान के खिलाफ हमले जारी हैं। पिछले एक साल में बलूचिस्तान में आतंकवादी हमलों में बढ़ोतरी देखी गई है। ईरान और अफगानिस्तान की सीमा से सटा यह प्रांत लंबे समय से चल रहे हिंसक विद्रोह का घर है। बलूच विद्रोही समूह अक्सर इस तेल और खनिज समृद्ध प्रांत में सुरक्षा कर्मियों, सरकारी परियोजनाओं और 60 अरब अमेरिकी डॉलर की चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारा (सीपीईसी) परियोजनाओं को निशाना बनाकर हमले करते रहते हैं। (पीटीआई)