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इजरायल: नेतन्याहू को बचाने के लिए कानून पारित, जोरदार प्रदर्शन जारी, कई गिरफ्तारियां, हाइवे पर जाम

प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू की गठबंधन सरकार ने विधेयक को मंजूरी दी जो भ्रष्टाचार और हितों से टकराव के मामले में सुनवाई का सामना कर रहे इजराइली नेता को शासन करने से अयोग्य करार दिए जाने से बचाएगा।

Written By: Deepak Vyas @deepakvyas9826
Updated on: March 23, 2023 23:49 IST
इजरायल: नेतन्याहू को बचाने के लिए कानून पारित, जोरदार प्रदर्शन जारी, कई गिरफ्तारियां, हाइवे पर जाम- India TV Hindi
Image Source : PTI इजरायल: नेतन्याहू को बचाने के लिए कानून पारित, जोरदार प्रदर्शन जारी, कई गिरफ्तारियां, हाइवे पर जाम

तेल अवीव: इजराइल की संसद ने गुरुवार को न्यायपालिका में आमूल-चूल परिवर्तन के लिए प्रस्तावित कई विवादित कानूनों में से पहले कानून को पारित कर दिया। संसद से उक्त कानून ऐसे समय में पारित हुआ है जब सड़कों पर इसके खिलाफ विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। प्रदर्शनकारियों का आरोप है कि देश इनसे अधिनायकवाद की ओर बढ़ेगा। प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू की गठबंधन सरकार ने विधेयक को मंजूरी दी जो भ्रष्टाचार और हितों से टकराव के मामले में सुनवाई का सामना कर रहे इजराइली नेता को शासन करने से अयोग्य करार दिए जाने से बचाएगा। 

आलोचकों का कहना है कि यह कानून नेतन्याहू के लिए बनाया गया है और इससे भ्रष्टाचार को बढ़ावा मिलेगा और न्यायपालिका में बदलाव को लेकर जनता के बीच खाई और चौड़ी होगी। कानूनी बदलावों को लेकर देश दो धड़ों में बंट गया है। एक वर्ग का मानना है कि नयी नीतियां इजराइल को उसके लोकतांत्रिक मूल्यों से दूर कर रही हैं जबकि दूसरे धड़े का मानना है कि उदार न्यायपालिका सीमा से परे जाकर देश चला रही है। 

75 साल में पहली बार बुरे लोकतांत्रिक संकट से घिरा इजरायल

न्यायपालिका में बदलाव संबंधी सरकार की योजना से देश 75 साल में पहली बार सबसे बुरे लोकतांत्रिक संकट से घिर गया है। कानूनों में बदलाव का विरोध कर रहे प्रदर्शनकारियों में शामिल पूर्व विदेश मंत्री जिपी लिवनी ने कहा, ‘या तो इजराइल यहूदी, लोकतांत्रिक, प्रगतिशील देश रहेगा या धार्मिक, अधिनायकवादी, असफल, अलग-थलग और सबसे कटा हुआ देश होगा और वे हमें उसी ओर ले जा रहे हैं।’

नेतन्याहू को बचाने के लिए हुआ कानून पारित 

इस बीच, गुरुवार को 120 सदस्यीय नेसेट (संसद) ने नेतन्याहू को अयोग्य करार देने से बचाने के लिए लाए गए कानून को 47 के मुकाबले 67 मतों से पारित कर दिया। कानून में प्रावधान किया गया है कि प्रधानमंत्री को केवल स्वास्थ्य या मानसिक स्थिति के आधार पर ही पद के लिए अयोग्य करार दिया जा सकता है और यह फैसला भी उनकी सरकार (मंत्रिमंडल) लेगी। यह कानून ऐसे समय लाया गया है जब नेतन्याहू के विरोधी देश के अटॉर्नी जनरल से उन्हें सत्ता में कायम रहने के लिए अयोग्य करार देने की मांग कर रहे हैं। 

जोरदार प्रदर्शन जारी, हुई कई गिरफ्तारियां, राजमार्ग बाधित

उधर, गुरुवार को प्रदर्शनकारियों का प्रदर्शन जारी है। उन्होंने सड़कों को बाधित कर दिया और बंदरगाह पर पहिये जलाकर विरोध जताया। कुछ प्रदर्शनकारियों ने पुराने यरुशलम में विशाल इजराइली झंडे और देश के स्वतंत्रता घोषणा पत्र के साथ प्रदर्शन किया। पुलिस ने बताया कि प्रदर्शनों के आरोप में देशभर में कई लोगों की गिरफ्तारी की गई है, जिनमें से कम से कम तीन विरोध प्रदर्शनों के आयोजक हैं। प्रदर्शनकारियों ने तेल अवीव के मुख्य राजमार्ग को बाधित कर दिया और पुलिस को शहर और हाइफा में प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए पानी की बौछारें छोड़नी पड़ी। 

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