Highlights
- जनवरी 2020 में बगदाद एयरपोर्ट पर हुए अमेरिकी ड्रोन हवाई हमले में जनरल सुलेमानी की मौत हो गई थी।
- जनरल सुलेमानी की मौत के बाद आसपास के देशों के पूरी तरह युद्ध में उलझने का खतरा पैदा हो गया था।
- हेयमान का इंटरव्यू सेना से रिटायरमेंट से कुछ ही सप्ताह पहले सितंबर महीने में लिया गया था।
यरूशलम: इजरायली सेना के खुफिया विभाग के पूर्व प्रमुख का कहना है कि जनवरी 2020 में ईरानी जनरल कासिम सुलेमानी को मार गिराने वाले अमेरिकी हवाई हमले में उनका देश भी शामिल था। इस अभियान में इजरायल के शामिल होने की बात पहली बार सार्वजनिक रूप से स्वीकार की गई है। उनके इस बयान से सामरिक हलकों में सनसनी मच गई है। सुलेमानी ईरान के रिवॉल्यूशनरी गार्ड के ‘कुद्स फोर्स’ के प्रमुख थे और विदेशों में अर्धसैनिक बलों के साथ ईरान के संबंधों की जिम्मेदारी उठाते थे। जनवरी 2020 में बगदाद हवाई अड्डे पर हुए अमेरिकी ड्रोन हवाई हमले में उनकी मौत हो गई थी।
सुलेमानी की मौत के बाद पैदा हो गया था युद्ध का खतरा
जनरल सुलेमानी की मौत के बाद आसपास के देशों के पूरी तरह युद्ध में उलझने का खतरा पैदा हो गया था। हवाई हमले के एक सप्ताह बाद एनबीसी न्यूज ने अपनी खबर में कहा था कि हवाई हमले से पहले दमिश्क से बगदाद तक सुलेमानी के उड़ान संबंधी सूचना की पुष्टि में इजरायली खुफिया विभाग ने मदद की थी। इस साल की शुरूआत में याहू न्यूज ने खबर दी थी कि इजरायल के पास ‘सुलेमानी की जानकारी थी’ और उसने यह सूचना अमेरिका को दी।
‘इंटरव्यू की शुरुआत ही सुलेमानी की मौत से हुई’
अक्टूबर तक सैन्य खुफिया विभाग के प्रमुख रहे मेजर जनरल (रिटायर्ड) हेयमान पहले ऐसे अधिकारी हैं जिन्होंने इस हवाई हमले में इजरायल की भूमिका होने की पुष्टि की है। हेयमान का बयान इजरायली खुफिया विभाग से नजदीक से जुड़ी ‘हिब्रू’ भाषा में प्रकाशित एक पत्रिका के नवंबर संस्करण में छपा है। उनका यह इंटरव्यू सेना से रिटायरमेंट से कुछ ही सप्ताह पहले सितंबर महीने में लिया गया था। इंटरव्यू के लेखक ने लिखा है कि हेयमान ने बातचीत की शुरूआत ही उस अमेरिकी हवाई हमले से की जिसमें सुलेमानी की मौत हुई थी, जिसमें इजरायल ने भी भूमिका निभाई थी।
‘सुलेमानी को मार गिराना हमारे लिए उपलब्धि थी’
हेयमान ने पत्रिका से कहा, ‘सुलेमानी को मार गिराना हमारे लिए उपलब्धि थी क्योंकि, मेरी नजरों में हमारे मुख्य दुश्मन ईरानी हैं।’ उन्होंने कहा कि सेना के खुफिया विभाग के प्रमुख के रूप में ‘मेरे कार्यकाल के दौरान 2 महत्वपूर्ण हत्याएं हुई हैं। पहला जैसा कि मैंने बताया, कासिम सुलेमानी इतने वरिष्ठ व्यक्ति, जिन्होंने रणनीतियां बनायी हों, जो मोर्चों पर लड़ने वाली सेना की सामरिक रणनीति तय करते हो जो इनको अंजाम देते हों, उनके बारे में पता लगना बहुत दुर्लभ बात है।’ हेयमान ने सुलेमानी को पड़ोसी देश सीरिया में ‘ईरानी मोर्चें की ट्रेन का इंजन बताया।’
‘इजरायल के हमलों ने ईरान को सीरिया में पैर जमाने से रोका’
इजरायल ने पिछले एक दशक में सीरिया में सैकड़ों हवाई हमले किए हैं, लेकिन उनपर सार्वजनिक रूप से बिरले ही टिप्पणी करता है। हालांकि, इजरायल का कहना है कि उसने ईरान समर्थित बलों और ईरान के प्रॉक्सी (लेबनानी शिया मिलिशिया हिज्बुल्ला) के लिए जाने वाली हथियारों की खेप को ही निशाना बनाया है। हेयमान ने कहा कि इजरायल के हमलों ने ईरान को सीरिया में पैर जमाने से रोका है। गौरतलब है कि इजरायल की सेना ने हेयमान की टिप्पणियों को लेकर प्रतिक्रिया के अनुरोध पर तत्काल कोई उत्तर नहीं दिया है।
2018 में अमेरिका ने ईरान पर आर्थिक प्रतिबंध लगाए
हेयमान का यह इंटरव्यू ऐसे समय में प्रकाशित हुआ है जब विश्व शक्तियां और ईरान, उसके (ईरान के) परमाणु कार्यक्रम पर लगाम लगाने के लक्ष्य से नये समझौते पर पहुंचने का प्रयास कर रहे हैं। विश्व शक्तियों और ईरान के बीच 2015 में इस संबंध में हुए पिछले समझौते को अमेरिका अकेले दम पर खारिज कर चुका है और खुद को इससे बाहर करते हुए 2018 में उसने ईरान पर फिर से आर्थिक प्रतिबंध लगा दिए थे।