नई दिल्लीः भारत ने इजरायल-हमास युद्ध के दौरान अपने राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल को पश्चिमी एशिया भेजकर चीन और पाकिस्तान जैसे दुश्मनों की नींद उड़ा दी है। खास तौर पर इसलिए भी कि एनएसए डोभाल ने इजरायली पीएम बेंजामिन नेतन्याहू से मुलाकात कर इस दौरान कई अहम मुद्दों पर चर्चा की है। विदेश मंत्रालय ने इस बारे में शुक्रवार को कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजित डोभाल की यात्रा इजरायल-हमास संघर्ष की पृष्ठभूमि में पश्चिम एशिया में शांति और स्थिरता को बढ़ावा देने के लिए नई दिल्ली के समग्र दृष्टिकोण का हिस्सा थी।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने अपनी साप्ताहिक प्रेस वार्ता में कहा, ‘‘जैसा कि आप जानते हैं प्रधानमंत्री स्वयं इस क्षेत्र में शांति और स्थिरता को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध और उत्सुक हैं। वह इस संबंध में अरब के कई नेताओं के संपर्क में हैं।’’ वह इस सप्ताह डोभाल की इजराइल यात्रा पर एक सवाल का जवाब दे रहे थे। यात्रा के दौरान एनएसए ने इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू से मुलाकात की। जायसवाल ने कहा, ‘‘रमजान के पवित्र महीने की शुरुआत में एनएसए की इजरायल यात्रा इन प्रयासों को आगे बढ़ाती है।
गाजा में मानवीय मदद पहुंचाने से लेकर बंधकों की रिहाई पर हुई बात
एनएसए डोभाल ने अपने इजराइली समकक्ष तजाची हानेग्बी और कई अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के साथ तेल अवीव में भी बातचीत की। जायसवाल ने कहा, ‘‘उन्होंने गाजा में मानवीय सहायता और मदद पहुंचाने पर जोर दिया। साथ ही बंधकों की रिहाई के लिए उठाए जा रहे कदमों पर चर्चा की।’’ इजरायली प्रधानमंत्री कार्यालय के एक बयान में कहा गया है कि नेतन्याहू ने गाजा पट्टी में हाल के घटनाक्रम से डोभाल को अवगत कराया। (भाषा)
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