तेल अवीव: इजरायल और हमास के बीच 7 अक्टूबर से ही भीषण जंग जारी है और इजरायली सेना गाजा में लगातार आगे बढ़ रही है। इस बीच इजरायल में कई दक्षिणपंथी संगठनों ने जंग के खत्म होने के बाद गाजा में यहूदी लोगों को बसाने की इजाजत देने के लिए बेंजामिन नेतन्याहू सरकार पर दबाव बढ़ाना शुरू कर दिया है। उन्होंने कहा कि यहूदी लोगों का बसना क्षेत्र में सुरक्षा से जुड़ा हुआ है। इन संगठनों ने नेतन्याहू सरकार से युद्ध समाप्त होने के तुरंत बाद क्षेत्रों में यहूदी आबादी को फिर से बसाने का आह्वान किया है।
हमास ने अश्कलोन में किया था हमला
दक्षिणपंथी संगठनों के गठबंधन ने इजरायल की सरकार से कहा है कि वह पहले कदम के रूप में उत्तरी गाजा में पुनर्वास के लिए पहल करे और फिर इसे नित्ज़न, एल सिनाई और डुगिट जैसी पूर्व यहूदी बस्तियों तक बढ़ाए जो अश्कलोन के करीब हैं। बता दें कि 7 अक्टूबर को हमास ने गाजा की सीमा से लगे अश्कलोन में एक बड़ा हमला किया था। नाहला आंदोलन के जविव एलिमेलेक ने शुक्रवार को एक बयान में कहा कि पूरे गाजा में यहूदी आबादी के व्यापक पुनर्वास की आवश्यकता है और कहा कि ओस्लो समझौते के बाद गाजा को वापस देने के फैसले को रद्द करना होगा।
गाजा में हर दिन जाएंगे फ्यूल के 2 टैंकर
इस बीच इजरायल के NSA ने कहा कि देश की वॉर कैबिनेट ने गाजा पट्टी में हर दिन फ्यूल के 2 टैंकरों को प्रवेश करने की इजाजत देने पर हामी भरी है। NSA तजाची हानेग्बी ने फ्यूल की इस मात्रा को 'बहुत कम' बताते हुए कहा कि गाजा के कम्यूनिकेशन सिस्टम और पानी एवं सीवेज सेवाओं के लिए फ्यूल दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि इसका उद्देश्य हमास के आतंकियों के खिलाफ युद्ध को जारी रखने की इजरायल की क्षमता को बाधित किए बिना बीमारी के प्रसार को रोकना है। उन्होंने कहा कि फ्यूल की यह मात्रा आम दिनों में गाजा जाने वाले ईंधन की मात्रा का मात्र 2 से 4 प्रतिशत है।