
देइर अल-बलाह: हमास ने चेतावनी दी है कि मंगलवार की सुबह इजरायल के नए हवाई हमलों ने उनके बीच हुए सीजफायर को तोड़ दिया है। उसने साथ ही धमकी भरे अंदाज में यह भी कहा कि इजरायल की इस हरकत ने बंधकों के भाग्य को खतरे में डाल दिया है। वहीं, इजरायल ने कहा कि उसने सीजफायर को बढ़ाने के लिए चल रही बातचीत में कोई प्रगति न देखते हुए गाजा पट्टी में हवाई हमले किए हैं। अभी तक यह साफ नहीं हो पाया है कि इजरायल ने ये हमले दबाव बनाने की रणनीति के तहत किए या 17 महीने पुरानी जंग फिर से शुरू हो गई है।
बेंजामिन नेतन्याहू ने दिया हमले का आदेश
हमास ने कहा कि इजरायल की सरकार फिलिस्तीनियों के खिलाफ ‘बिना उकसावे की कार्रवाई’ के लिए जिम्मेदार है। गाजा के स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि मंगलवार की सुबह किए गए हवाई हमलों में कम से कम 200 लोग मारे गए हैं। बता दें कि इजरायल ने मंगलवार की सुबह गाजा पट्टी में ताबड़तोड़ हवाई हमले किए। इजरायल ने कहा कि जनवरी में सीजफायर लागू होने के बाद से यह क्षेत्र में हमास के ठिकानों पर सबसे भीषण हमला था। प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा कि उन्होंने युद्ध विराम को आगे बढ़ाने के लिए चल रही बातचीत में कोई तरक्की न देखते हुए हमलों का आदेश दिया था।
गाजा के विभिन्न इलाकों में हो रहे हैं विस्फोट
नेतन्याहू के दफ्तर की तरफ से जारी एक बयान में कहा गया, ‘ये हमले हमास के द्वारा हमारे बंधकों को रिहा करने से बार-बार इनकार करने और अमेरिकी राष्ट्रपति के दूत स्टीव विटकॉफ और मध्यस्थों से प्राप्त सभी प्रस्तावों को अस्वीकार करने के बाद किए गए हैं।’ इजरायल द्वारा किए जा रहे हमलों के बीच गाजा में जगह-जगह पर विस्फोटों की आवाजें सुनी जा सकती थीं। बता दें कि बीते 6 हफ्तों में हमास ने लगभग 2 हजार फिलिस्तीनी कैदियों के बदले में लगभग 3 दर्जन बंधकों को रिहा किया, लेकिन बाकी के 60 बंधकों को रिहा करने पर अब तक सहमत नहीं हुआ है।
मारे जा चुके हैं 48 हजार से ज्यादा फिलिस्तीनी
बता दें कि इस जंग की शुरुआत हमास द्वारा 7 अक्टूबर 2023 को सीमा पार से किए गए हमले से हुई, जिसमें करीब 1200 लोग मारे गए और 250 अन्य बंधक बना लिए गए। हमास की इस बर्बर कार्रवाई का जवाब इजरायल ने सैन्य हमले के साथ दिया। इजरायल के हमले में अब तक 48,000 से अधिक फिलिस्तीनी मारे जा चुके हैं और गाजा की अनुमानित 90 प्रतिशत आबादी विस्थापित हो गई है। युद्ध विराम ने गाजा के लोगों को कुछ राहत दी थी और हजारों विस्थापित फिलिस्तीनियों को अपने घरों में वापस लौटने की उम्मीद जगी थी।