Highlights
- पाकिस्तान में भीड़ ने श्रीलंका के एक नागरिक की कथित तौर पर ईशनिंदा के मामले में पीट-पीटकर हत्या कर दी।
- सियालकोट जिले की एक कपड़ा फैक्टरी में प्रियंता कुमारा (40) महाप्रबंधक के तौर पर काम करते थे।
- वैश्विक मानवाधिकार निगरानी संस्था एम्नेस्टी इंटरनेशनल ने घटना की निष्पक्ष जांच की मांग की है।
लाहौर: पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में भीड़ ने शुक्रवार को श्रीलंका के एक नागरिक की कथित तौर पर ईशनिंदा के मामले में पीट-पीटकर हत्या कर दी और फिर उसके शव को जला दिया। पंजाब पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि लाहौर से करीब 100 किलोमीटर दूर सियालकोट जिले की एक कपड़ा फैक्टरी में प्रियंता कुमारा (40) महाप्रबंधक के तौर पर काम करते थे। अधिकारी ने बताया, ‘कुमारा ने कट्टरपंथी तहरीक-ए-लब्बैक पाकिस्तान (टीएलपी) के एक पोस्टर को कथित तौर पर फाड़ दिया जिसमें कुरान की आयतें लिखी थीं और फिर उसे कचरे के डिब्बे में फेंक दिया।’
‘कुमारा के ऑफिस के पास चिपकाया गया था पोस्टर’
अधिकारी ने बताया, ‘इस्लामी पार्टी का पोस्टर कुमारा के कार्यालय के पास की दीवार पर चिपकाया गया था। फैक्टरी के कुछ कर्मियों ने उन्हें पोस्टर हटाते हुए देखा और फैक्टरी में यह बात बताई।’ ईशनिंदा की कथित घटना को लेकर आसपास के इलाकों से सैकड़ों लोग फैक्टरी के बाहर इकट्ठा होने लगे। उनमें से अधिकतर TLP के कार्यकर्ता एवं समर्थक थे। अधिकारी ने बताया, ‘भीड़ ने संदिग्ध (श्रीलंकाई नागरिक) को फैक्टरी से बाहर खींचा और उससे बुरी तरह मारपीट की। मारपीट के बाद जब उसकी मौत हो गई तो भीड़ ने पुलिस के पहुंचने से पहले उसके शव को जला दिया।’
TLP के समर्थन में नारे लगा रहे थे हमलावर
सोशल मीडिया पर कई वीडियो जारी हुए जिसमें दिख रहा है कि श्रीलंकाई नागरिक के शव को घेरे सैकड़ों लोग खड़े हैं। वे TLP के समर्थन में नारे लगा रहे थे। इमरान खान की सरकार ने हाल में TLP के साथ गुप्त समझौता करने के बाद इस कट्टरपंथी संगठन से प्रतिबंध हटा लिया था। समझौते के बाद संगठन के प्रमुख साद रिजवी और 1500 से अधिक कार्यकर्ताओं को जेल से रिहा कर दिया गया जो आतंकवाद के आरोपों में बंद थे। सियालकोट के जिला पुलिस अधिकारी उमर सईद मलिक ने कहा कि श्रीलंका के नागरिक की पीट-पीटकर हत्या करने के बाद स्थिति पर नियंत्रण करने के लिए काफी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया है।
स्थिति तनावपूर्ण है और सभी फैक्टरियां बंद हैं
पंजाब के मुख्यमंत्री उस्मान बुजदार ने इसे काफी दुखद घटना करार दिया और पुलिस महानिदेशक को आदेश दिया कि मामले की जांच कर 24 घंटे के अंदर उन्हें रिपोर्ट दें। मुख्यमंत्री ने एक बयान में कहा, ‘घटना के हर पहलू की जांच होनी चाहिए और रिपोर्ट दाखिल की जानी चाहिए। जिन लोगों ने कानून अपने हाथ में लिया है उनके खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए।’ इलाके में स्थिति तनावपूर्ण है और सभी फैक्टरियां बंद हैं। पुलिस ने बताया कि अभी तक किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई है। इस बीच पंजाब सरकार के प्रवक्ता हसन खावर ने कहा कि ‘करीब 50 लोगों को गिरफ्तार किया गया है।’
‘हत्यारों ने गैर इस्लामी, अमानवीय कृत्य किया’
‘जियो न्यूज’ की खबर के मुताबिक प्रवक्ता ने कहा, ‘सीसीटीवी फुटेज हासिल किया जा रहा है ताकि घटना के जिम्मेदार लोगों की पहचान की जा सके। आईजी ने निर्देश दिया है कि 48 घंटे के अंदर परिणाम पेश किया जाए, जिसके बाद जांच का दायरा बढ़ाया जाएगा।’ धार्मिक सौहार्द पर प्रधानमंत्री के विशेष प्रतिनिधि मौलाना ताहिर अशरफी ने कहा कि ईशनिंदा के आरोप में फैक्टरी प्रबंधक की हत्या ‘दुखद’ एवं ‘निंदनीय’ है। अशरफी ने कहा, ‘सियालकोट में जिन लोगों ने श्रीलंकाई प्रबंधक की हत्या की उन्होंने गैर इस्लामी, अमानवीय कृत्य किया है।’
ईशनिंदा पर पाकिस्तान में है कड़ा कानून
घटना की निंदा करते हुए वैश्विक मानवाधिकार निगरानी संस्था एम्नेस्टी इंटरनेशनल ने इसकी निष्पक्ष जांच की मांग की है। इस्लाम को बदनाम करने को लेकर पाकिस्तान में काफी कड़ा कानून है और इसमें मौत की सजा का भी प्रावधान है। मानवाधिकार कार्यकर्ताओं का कहना है कि इन कानूनों का अकसर निजी दुश्मनी साधने में इस्तेमाल किया जाता है। अमेरिकी सरकार के सलाहकार पैनल की रिपोर्ट कहती है कि दुनिया के किसी भी देश की तुलना में पाकिस्तान में सबसे अधिक ईशनिंदा कानून का इस्तेमाल होता है।