अफगानिस्तान के मध्य काबुल में स्थित चीनी होटल पर हुए हमले की जिम्मेदारी इस्लामिक स्टेट ने ली है। हमले के दौरान दो विदेशी घायल हो गये थे, जबकि तीन आतंकियों को सुरक्षा बलों ने मार गिराया था। न्यूज एजेंसी रॉयटर्स ने इसकी जानकारी दी है। बता दें, सोमवार को काबुल के शहर-ए-नौ स्थित एक होटल में भारी हथियारों से लैस आतंकवादियों ने हमला कर दिया था। इस दौरान विस्फोट और भारी गोलीबारी की आवाजें सुनाई दीं। यह हमला उस होटल पर किया गया जहां चीनी राजनयिकों और निवेशकों का काफी आना-जाना था।
होटल में लगी थी आग
मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया था कि हमले के वक्त होटल में कई लोग मौजूद थे। कुछ फुटेज भी सामने आए। इनमें होटल के एक हिस्से में आग नजर आ रही थी। यह हमला ऐसे वक्त हुआ जब शुक्रवार को ही चीन के एम्बेसेडर ने काबुल में अपनी एम्बेसी की सिक्योरिटी को लेकर तालिबान के अफसरों से बातचीत की थी। बता दें, दो हफ्ते पहले इसी इलाके में मौजूद पाकिस्तान की एम्बेसी पर फायरिंग की गई थी। इस दौरान पाकिस्तान का एक डिप्लोमैट घायल हो गया था।
चीन की जिनपिंग सरकार डरी हुई है
न्यूज एजेंसी AP ने एक चश्मदीद के हवाले से बताया कि होटल के अंदर बहुत बड़ा ब्लास्ट हुआ था। इसके बाद आग लग गई। चीन और अफगानिस्तान के बीच 76 किलोमीटर लंबा बॉर्डर है। तालिबानी राज के बाद यहां चीनी नागरिकों की आवाजाही बढ़ गई है। चीन सरकार को डर है कि अफगान तालिबान और ISIS खोरासान ग्रुप चीन के उईघर मुस्लिमों की मदद कर सकते हैं, यही वजह है कि जिनपिंग सरकार तालिबान हुकूमत को खुश करने की कोशिश में जुटी है।