कोलकाता: अंतरराष्ट्रीय कृष्णभावनामृत संघ (इस्कॉन) ने शनिवार को आरोप लगाया कि बांग्लादेश के ढाका स्थित उसके केंद्र में शनिवार को आग लगा दी गई। इस्कॉन कोलकाता के उपाध्यक्ष राधारमण दास ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया, ‘‘उपद्रवियों ने नमहट्टा संपत्ति के मंदिर में मूर्तियों में आग लगा दी। समुदाय के सदस्यों और वैष्णव संप्रदाय के सदस्यों पर लगातार टारगेटेड हमले किए जा रहे हैं।’’
मंदिर में लगाई गई आग
राधारमण दास ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘बांग्लादेश में इस्कॉन नमहट्टा केंद्र को जला दिया गया। श्री श्री लक्ष्मी नारायण की मूर्तियां और मंदिर के अंदर की सभी वस्तुएं पूरी तरह जल गई हैं। यह केंद्र ढाका में स्थित है। बदमाशों ने शुक्रवार और शनिवार की दरमियानी रात 2-3 बजे श्री श्री राधा कृष्ण मंदिर और श्री श्री महाभाग्य लक्ष्मी नारायण मंदिर में आग लगा दी। ये मंदिर ढाका जिले के तुराग पुलिस थाने के अंतर्गत धौर गांव स्थित हरे कृष्ण नमहट्टा संघ के अधिकार क्षेत्र में आते हैं।’’ दास ने पोस्ट में कहा, ‘‘मंदिर के पीछे टीन की छत को उठाकर पेट्रोल या ऑक्टेन का इस्तेमाल करके आग लगाई गई। पता: एच-02, आर-05, वार्ड-54।’’
'मौन है प्राशासन'
दास ने दावा किया कि पड़ोसी देश में अल्पसंख्यकों पर लगातार हमले किए जा रहे हैं और इस्कॉन द्वारा बांग्लादेश की अंतरिम सरकार को इन घटनाओं की सूचना दिए जाने के बावजूद पुलिस और प्रशासन ने इन्हें रोकने के लिए कोई खास कदम नहीं उठाए हैं। इससे पहले उन्होंने कहा था, ‘‘इस्कॉन इंडिया ने बांग्लादेश में हिंदुओं की सुरक्षा के बारे में चिंता जाहिर की है और पड़ोसी देश के संतों एवं अनुयायियों से आग्रह किया है कि वो माथे पर तिलक ना लगाएं तथा बच-बचकर अपने धर्म का पालन करें। अल्पसंख्यकों पर लगातार हमले जारी हैं।’’
चिन्मय कृष्ण दास की सुरक्षा को लेकर चिंता
इस्कॉन कोलकाता के उपाध्यक्ष ने हिंदू संत चिन्मय कृष्ण दास की जमानत याचिका खारिज होने और हिंसक हमलों के बाद उनकी सुरक्षा को लेकर भी चिंता जाहिर की है। बांग्लादेश में अपदस्थ प्रधानमंत्री शेख हसीना के नेतृत्व वाली अवामी लीग की सरकार गिरने के बाद और अगस्त में अंतरिम सरकार द्वारा देश की बागडोर संभालने के बाद से पड़ोसी देश के विभिन्न स्थानों पर इस्कॉन की संपत्तियों पर हमले किए गए हैं। (भाषा)
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