इस्लामाबाद: पाकिस्तान और ईरान के बीच पिछले कुछ दिनों से काफी तनाव देखने को मिल रहा है। दोनों देशों ने एक दूसरे की सीमा का उल्लंघन कर हमले किए हैं जिनमें लोगों की जानें गईं हैं। इस बीच पाकिस्तान में शुक्रवार को एक मीटिंग हुई जिसकी काफी चर्चा हो रही है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, पाकिस्तान के कार्यवाहक प्रधानमंत्री, कैबिनेट मंत्रियों और सशस्त्र बलों के प्रमुखों ने ईरान के साथ जारी तकरार के बीच शुक्रवार को एक उच्च स्तरीय बैठक की। बता दें कि इससे ठीक पहले दोनों पड़ोसी देशों ने एक-दूसरे के क्षेत्र में अपने सैन्य हमलों के बाद बिगड़े संबंधों को दुरूस्त करने के लिए सहमति जताई थी।
मीटिंग में मौजूद थे तमाम बड़े अफसर
सूत्रों के मुताबिक, राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद (NSC) की इस बैठक की अध्यक्षता कार्यवाहक प्रधानमंत्री अनवार-उल-हक काकड़ ने की। इसमें तीनों सशस्त्र बलों के प्रमुख, कैबिनेट मंत्री के साथ कई अन्य अधिकारी भी मौजूद थे। सूत्रों ने बताया कि रक्षा और विदेश मंत्रालय के अधिकारियों ने बैठक में ईरान के हमले और पाकिस्तानी सशस्त्र बलों के जवाबी हमले के बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि NSC द्वारा ईरान के साथ भविष्य के संबंधों के बारे में दिशानिर्देश जारी करने की संभावना है। काकड़ गुरुवार की रात दावोस से स्वदेश लौट गए थे। वह पाकिस्तान और ईरान द्वारा एक-दूसरे के खिलाफ सैन्य हमले किए जाने के बाद विश्व आर्थिक मंच के कार्यक्रम में भाग लेने गए थे।
दोनों देशों के बीच तनाव अभी भी बरकरार
बैठक से पहले पाकिस्तान के विदेश मंत्री जलील अब्बास जिलानी और ईरान के उनके समकक्ष हुसैन अमीर अब्दुल्लाहियन ने टेलीफोन पर बातचीत की। बातचीत के दौरान दोनों ने ‘आपसी विश्वास और सहयोग’ की भावना तथा सुरक्षा मुद्दों पर घनिष्ठ सहयोग की आवश्यकता पर सहमति व्यक्त की। NSC की बैठक के बाद प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में संघीय कैबिनेट की बैठक होगी। एक्सपर्ट्स का मानना है कि आने वाले दिनों में दोनों देशों के बीच आतंकी गतिविधियों को लेकर तनाव बढ़ सकता है। ईरान अक्सर सीमा पार से आतंकवाद के मुद्दे उठाता रहता है और समय-समय पर उसने कार्रवाई भी की है।