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ईरान का तालिबानी फरमान, ग्रैमी पुरस्कार विजेता गायक को गीत गाने पर सुनाई 3 साल की सजा

ईरान ने अपने ही देश के एक गायक को 3 साल की जेल की सजा सुनाकर सबको हैरान कर दिया है। इस गायक ने ईरान में 1 वर्ष पहले चल रहे बुरका के खिलाफ प्रदर्शनों में गीत बनाकर गाया था। इससे खफा ईरानी सरकार ने अब उसे 3 साल की जेल की सजा दी है।

Edited By: Dharmendra Kumar Mishra @dharmendramedia
Published on: March 02, 2024 14:59 IST
इब्राहिम रईसी, ईरान के राष्ट्रपति।- India TV Hindi
Image Source : AP इब्राहिम रईसी, ईरान के राष्ट्रपति।

दुबई: ईरान ने अपने ही एक गायक को गीत गाने पर 3 वर्ष की कड़ी सजा सुनाई है। यह गायक ग्रैमी पुरस्कार विजेता रह चुका है। गायक की गलती सिर्फ यह थी कि उसने ईरान में गत वर्ष बुरका के खिलाफ चल रहे आंदोलन में प्रदर्शनकारियों के लिए गीत गा दिया था। मगर यह बात ईरान सरकार को नागवार गुजरी। लिहाजा उसने गायक को सजा देने का फैसला सुनाया। बता दें कि ईरान में म्हसा अमीनी की मौत को लेकर 2022 में हुए प्रदर्शनों के समर्थन में अपने गीत को लेकर ग्रैमी पुरस्कार विजेता इस गायक को यह सजा सुनायी गयी है।

शर्विन हाजीपुर को अमेरिका की प्रथम महिला जिल बाइडन ने उनके गीत ‘‘फॉर’’ के लिए ग्रैमी पुरस्कार प्रदान किया था। उन्होंने शुक्रवार को इंस्टाग्राम पर अपनी सजा की जानकारी दी। उसी दिन ईरान में संसदीय चुनाव हुए थे। अदालत ने हाजीपुर को ‘‘व्यवस्था के खिलाफ दुष्प्रचार’’ और ‘‘लोगों को प्रदर्शन के लिए प्रेरित’’ करने के आरोपों पर तीन साल और आठ महीने की सजा सुनायी है। अदालत ने पाया कि गायक ने गीत प्रसारित करने को लेकर उचित तरीके से खेद नहीं जताया इसलिए उन्हें सजा सुनायी गयी है।

गायक को अमेरिका के अपराधों के बारे में भी गीत बनाने को कहा गया

उसने हाजीपुर पर दो साल का यात्रा प्रतिबंध भी लगाया और उन्हें ‘‘अमेरिका में अपराधों’’ के बारे में एक गीत बनाने तथा उन अपराधों के बारे में ऑनलाइन पोस्ट करने का भी आदेश दिया। हाजीपुर ने अपने वकीलों का उनके सहयोग के लिए आभार जताया। उन्होंने कहा, ‘‘मैं न्यायाधीश और अभियोजक के नाम का उल्लेख नहीं करूंगा ताकि उन्हें अपमानित तथा धमकाया न जा सके क्योंकि मानवता के धर्म में अपमान और धमकियां नहीं होती हैं। अंतत: एक दिन हम एक-दूसरे को समझेंगे।’’ चुनाव पर ध्यान केंद्रित करने वाली ईरान के सरकारी मीडिया ने हाजीपुर की सजा का जिक्र नहीं किया। न्यूयॉर्क स्थित संयुक्त राष्ट्र में ईरान के मिशन ने इस मामले पर टिप्पणी करने के अनुरोध पर कोई जवाब नहीं दिया। ईरान में प्रदर्शनों के बाद से कार्यकर्ताओं, पत्रकारों और कलाकारों को गिरफ्तारी, कैद और उत्पीड़न का सामना करना पड़ा है। (एपी) 

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