Highlights
- खामनेई ने विदेशी साजिश को ठहराया जिम्मेदार
- युवती की मौत बेहद अफसोसजनक: ईरानी नेता
- प्रदर्शनों में अब तक 92 लोगों की हो चुकी है मौत
Iran Hijab Controversy: ईरान में हिजाब के मुद्दे पर देशभर में विरोध प्रदर्शन जारी है। महसा अमीनी की पुलिस हिरासत में मौत के बाद विरोध प्रदर्शन ने हिंसक रूप ले लिया है। विरोध प्रदर्शन में अब तक कम से कम 92 लोगों की मौत हो चुकी है। मीडिया रिपोर्ट्स में नॉर्वे के ईरान ह्यूमन राइट्स (IHR) एनजीओ का हवाला देते हुए ये आंकड़ा पेश किया है। इस बीच, ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामनेई ने पूरे मामले पर पहली बार बयान जारी किया और हिंसक दंगों की निंदा की।
इनका इरादा ईरान को अस्थिर करना है- खामनेई
उन्होंने महसा अमीनी की मौत को दुखद घटना करार दिया और देश में चल रहे दंगों के लिए विदेशी साजिश को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने अमेरिका और इजरायल पर देश में हिंसा भड़काने का आरोप लगाया। उन्होंने दावा किया कि इनका इरादा ईरान को अस्थिर करना है। ईरान ह्यूमन राइट्स (IHR) ग्रुप ने रविवार को कहा कि विरोध प्रदर्शनों में अब तक 92 लोगों की मौत हो चुकी है। महसा को ठीक तरह से हिजाब न पहनने के लिए हिरासत में लिया गया था। 16 सितंबर को 22 वर्षीय युवती की पुलिस हिरासत में मौत हो गई थी।
युवती की मौत बेहद अफसोसजनक थी- खामनेई
तेहरान में पुलिस प्रशिक्षुओं के कैडर को संबोधित करते हुए ईरानी नेता ने कहा, "युवती की मौत बेहद अफसोसजनक थी, इन कृत्यों को सही नहीं ठहरा सकता। ये बिल्कुल भी सामान्य और प्राकृतिक नहीं हैं। यह दंगा अमेरिका और इजरायल की ओर से सुनियोजित था।" उन्होंने कहा, "मैं स्पष्ट रूप से कहता हूं इन दंगों और असुरक्षा के पीछे अमेरिका और इजरायल का हाथ था, जिसमें उनके लिए भाड़े पर काम करने वालों और विदेशों में कुछ ईरानी गद्दारों ने उनकी मदद की। हमने कई दंगे देखे खासकर फ्रांस में, क्या अमेरिका ने उनमें से किसी में मदद मुहैया कराई?"
यह विदेशियों की भूमिका को साबित करता है- ईरानी नेता
खामनेई ने कहा कि क्या उन्होंने कभी बयान जारी किए, एकजुटता जताई या पेरिस के दंगाइयों को इंटरनेट मुहैया कराया? यह विदेशियों की भूमिका को साबित करता है। एक युवती की मौत के लिए अमेरिका का शोक प्रकट करना नाटक है, वे खुश हैं। उन्होंने कहा कि हालिया घटनाओं के पीछे ये बदमाश हैं। लड़ाई एक लड़की की मौत या हिजाब के मुद्दे पर नहीं है, अधूरे हिजाब वाली कई महिलाएं इस्लामिक रिपब्लिक की कट्टर समर्थक हैं और कई कार्यक्रमों में हिस्सा ले चुकी हैं। लड़ाई ईरान की आजादी पर है।
गौरतलब है कि महसा अमीनी की हिरासत में मौत की घटना के तीन सप्ताह बाद भी देश भर में हिजाब विरोधी प्रदर्शन जारी है। ईरान सरकार इन प्रदर्शनों को लेकर बेहद कड़ा रुख अपना रही है।