Iran Again Hanged 3 Protesters: ईरान में खुले आम मानवता का गला घोटा जा रहा है और संयुक्त राष्ट्र जैसी संस्थाएं भी चुप्पी साधे हैं। सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करने वाले लोगों को ईरान लगातार मौत के घाट उतार रहा है। ताजा मामले में ईरान की सरकार ने फिर 3 प्रदर्शनकारियों को मौत की सजा दी है। इनमें से ईरान का एक कराटे चैंपियन मोहम्मद मेहदी करामी भी शामिल है, जिसे बेदर्दीपूर्वक फांसी के फंदे पर लटका दिया गया। ईरान की इस क्रूरता के आगे दुनिया चुप है।
ईरान दुनिया के तमाम ताकतवर देशों और संयुक्त राष्ट्र को नजरअंदाज करते हुए मानवता पर सबसे क्रूर प्रहार कर रहा है। सरकार के खिलाफ सिर्फ विरोध प्रदर्शन करने और अपना हक मांगने के जुर्म में अब तक 17 लोगों को फांसी दी जा चुकी है। यह सभी आंकड़े महज एक से दो महीने के दौरान के हैं। इससे ईरान की निष्ठुरता का अंदाजा आसानी से लगाया जा सकता है।
हिजाब के खिलाफ प्रदर्शन की सजा दे रहा ईरान
दरअसल ईरान में सरकार के खिलाफ हो रहे विरोध प्रदर्शनों की वजह हिजाब का विरोध है। ईरान की महिलाओं ने सरकार द्वारा हिजाब को अनिवार्य किए जाने के खिलाफ विरोध प्रदर्शन को जारी रखा है। प्रदर्शन के दौरान अब तक दर्जनों लोग पुलिस के साथ हुई हिंसा में मारे जा चुके हैं। ईरान की महिलाएं हिजाब को जबरन पहनने के लिए मजबूर करना अपनी आजादी पर हमला बताया है। उनके समर्थन में पुरुषों की भी बड़ी आबादी आ गई है। इसके बावजूद ईरान की सरकार हिजाब के खिलाफ शुरू हुए आंदोलन को दबाना चाहती है। इसलिए वह प्रदर्शनकारियों को मौत की सजा दे रही है। जबकि अमेरिका समेत दुनिया के कई अन्य देश ईरान में हिजाब के खिलाफ चल रहे प्रोटेस्ट को समर्थन कर रहे हैं।
अंतरराष्ट्रीय नियमों के मुताबिक नहीं दे सकते फांसी
ईरान यह कदम तब उठा रहा है, जब संयुक्त राष्ट्र की शर्तों के मुताबिक प्रदर्शनकारियों को फांसी की सजा कदापि नहीं दी जा सकती है। अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार संगठन भी इसके खिलाफ है। संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार संगठन ईरान के इस फैसले की निंदा कर चुका है। अमेरिका भी ईरान को चेतावनी दे चुका है, बावजूद ईरान मानने को तैयार नहीं है। अब अमेरिका समेत संयुक्त राष्ट्र के पास ईरान की इस गुस्ताखी के खिलाफ कई तरह के प्रतिबंध लगाए जाने का ही रास्ता शेष है।
यहां से भड़का था आंदोलन
ईरान की सरकार ने कुछ महीने पहले ईरान की 20 वर्षीय युवती महसा अमीनी को हिजाब ठीक से नहीं पहनने पर हिरासत में लिया था। पुलिस हिरासत में ही अमीनी की मौत हो गई थी। इसके बाद महिलाएं अपना हिजाब जलाकर और बाल काटकर देश भर में प्रदर्शनों का दौर शुरू कर दिया था। कई बार ईरान में हिजाब की होली जलाई और सड़क पर व्यापक विरोध प्रदर्शन शुरू किया गया। अब ईरान की सरकार प्रदर्शनकारियों को फांसी की सजा देकर अन्य का भी हौसला तोड़ना चाहती है।
ईरान का कहना है कि सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन खुदा के खिलाफ युद्ध है। इसलिए ताजा मामले में साले मिर हशेमी, माजिद काजमी और सईद याघौबी को खुदा के खिलाफ युद्ध छेड़ने के जुर्म में मौत की सजा दई गई है। मानवाधिकार समूहों का दावा है कि अब तक करीब 100 प्रदर्शनकारियों को ईरान मौत की सजा दे चुका है। हालांकि आधिकारिक आंकड़ो में 17 लोगों को ही मौत दिए जाने का जिक्र है।