
Iran Reply To America: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ईरान को चेतावनी देते हुए कहा है अगर वह न्यूक्लियर डील पर सहमति नहीं बनाता है, तो उसके खिलाफ सख्त एक्शन लिया जाएगा। अब अमेरिका की इस धमकी पर ईरान ने भी पलटवार किया है। ईरान के सर्वोच्च नेता आयातुल्लाह अली खामेनेई के एक सलाहकार अली लारीजानी ने चेतावनी देते हुए कहा है कि हम परमाणु हथियारों की ओर नहीं बढ़ रहे हैं, लेकिन अगर आप ईरानी परमाणु मुद्दे में कुछ गलत करते हैं, तो आप ईरान को उस ओर बढ़ने के लिए मजबूर कर देंगे, क्योंकि उसे हर हाल में अपनी रक्षा करनी है।
ईरान के पास नहीं होगा विकल्प
लारीजानी ने कहा कि ईरान ऐसा नहीं करना चाहता, लेकिन उसके पास कोई विकल्प नहीं होगा। अगर किसी समय अमेरिका या इजरायल की ओर से बमबारी की जाती है तो यकीनन आप ईरान को एक अलग फैसला लेने के लिए मजबूर करेंगे। इतना ही नहीं ईरानी संसद के स्पीकर गलीबाफ ने कहा है कि अगर अमेरिका ने ईरान को धमकाया तो समझ ले कि वह भी बारूद के ढेर पर बैठा है। अगर ईरान पर हमला हुआ, तो अमेरिका और उसके सहयोगियों को पूरे क्षेत्र में असुरक्षा झेलनी पड़ेगी।
जवाबी हमले से देंगे मुंहतोड़ जवाब
इससे पहले डोनाल्ड ट्रंप ने कहा था कि अगर ईरान परमाणु समझौते पर सहमत नहीं होता है, तो फिर उन पर घातक बमबारी होगी। इसके बात खामेनेई ने रमजान के अंत में एक भाषण के दौरान ट्रंप की टिप्पणी के बारे में कहा, "वो शरारत करने की धमकी देते हैं। अगर ऐसा किया जाता है, तो उन्हें जवाबी हमले जरिए इसका मुंहतोड़ जवाब मिलेगा।"
ईरान ने साफ किया रुख
बता दें कि, ट्रंप ने मार्च में ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई को चिट्ठी लिखकर चेतावनी दी थी कि तेहरान को या तो नए सिरे से बातचीत के लिए सहमत होना पड़ेगा वरना सैन्य टकराव झेलना पड़ेगा। ईरान ने अमेरिका के प्रस्ताव को सीधे तौर पर खारिज कर दिया। ईरान ने कहा कि तेहरान वाशिंगटन के साथ सीधी बातचीत नहीं करेगा।
यह भी जानें
जनवरी में पद संभालने के बाद से, ट्रंप ने अपनी "अधिकतम दबाव" नीति को फिर से लागू किया है, जिसके तहत उनके पहले कार्यकाल में अमेरिका ने ईरान के परमाणु कार्यक्रम पर एक ऐतिहासिक समझौते से हटने और तेहरान पर प्रतिबंधों को फिर से लागू करने का फैसला किया था। अमेरिका सहित पश्चिमी देशों ने लंबे समय से ईरान पर परमाणु हथियार हासिल करने का आरोप लगाया है, जिसे तेहरान ने खारिज करते हुए कहा है कि उसका परमाणु कार्यक्रम केवल शांतिपूर्ण उद्देश्यों के लिए हैं।
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