Pakistan News: महंगाई ने कंगाल पाकिस्तान की कमर तोड़ दी है। बिजली की दरों ने बेतहाशा बढ़ोतरी से परेशान पाकिस्तानी आवाम पर अब महंगाई का 'पेट्रोल' बम फूटा है। पाकिस्तान सरकार ने पेट्रोल और डीजल की कीमतों में फिर बढ़ोतरी कर दी है। इस बढ़ोतरी के साथ ही पाकिस्तान के इतिहास में पहली बार पेट्रोल-डीजल की कीमत 300 रुपए प्रति लीटर के पार पहुंच गई है। पाकिस्तान की कार्यवाहक सरकार ने पेट्रोल के दामों में 14.91 रुपये प्रति लीटर की बढ़ोतरी की है। इसके बाद पेट्रोल के दाम बढ़कर 305.36 रुपये हो गए हैं। वहीं डीजल के दामों में कीमत 18.44 रुपये की बढ़ोतरी की गई है, जिसके बाद डीजल प्रति लीटर 311.84 रुपये हो गया है।
पाकिस्तानी वित्त मंत्रालय कीमत बढ़ोतरी का दिया आदेश
वित्त मंत्रालय ने देर रात ट्विटर पर एक पोस्ट में कहा, इस वृद्धि से पेट्रोल की कीमत 305.36 रुपये प्रति लीटर और हाई स्पीड डीजल (एचएसडी) 311.84 रुपये प्रति लीटर हो गई है। केरोसीन या हल्के डीजल तेल की दरों में कोई संशोधन नहीं किया गया। कीमतों में बढ़ोतरी ऐसे समय में हुई है जब 15 अगस्त को ही सरकार ने इसकी कीमतों में भारी बढ़ोतरी की थी। तब अंतरिम सरकार ने ईंधन की कीमतों में 20 रुपये प्रति लीटर तक की बढ़ोतरी की थी। पेट्रोलियम कीमतों में इससे पहले पिछली सरकार द्वारा 1 अगस्त को की गई थी।
खस्ता हुई पाकिस्तानी रुपये की हालत
वहीं पाकिस्तानी रुपये की हालत इंटरनेशनल मार्केट में लगातार गिर रही है। डॉलर के मकाबले पाकिस्तानी रुपए में फिर गिरावट आई है। यह 305.54 रुपये के रिकॉर्ड निचले स्तर पर बंद हुआ। केयरटेकर सरकार के सत्ता पर आसीन होने के बाद से रुपये में 4.6 प्रतिशत की गिरावट आई है। अगस्त में पाकिस्तानी रुपये में 6.2 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई। पाकिस्तान में महंगाई ने पाकिस्तान की सरकार को टेंशन में डाल रखा है। वहीं आम जनता का जीना दूभर हो गया है। IMF ने 3 अरब डॉलर की मदद की मंजूरी दी है। लेकिन पाकिस्तान के साथ दिक्कत यह है कि कर्ज चुकाने के लिए भी कर्ज लेना पड़ता है।
50 रुपए प्रति यूनिट बिजली के दाम
पाकिस्तान में बेतहाशा महंगाई, बेरोजगारी के बाद अब बिजली के बढ़े बिलों ने लोगों की कमर तोड़ दी है। लोगों में भयंकर आक्रोश भी है और गहरी हताशा भी। कई बिजली उपभोक्ताओं ने तो आत्महत्या कर ली।पाकिस्तानी मीडिया की रिपोर्ट्स के मुताबिक, यहां पर प्रति यूनिट बिजली अब 50 रुपये के पार पहुंच चुकी है। इन बढ़ी हुई दरों के बाद लोगों के बिलों में बेतहाशा वृद्धि हुई। इससे पहले से ही महंगाई से जूझ रहे लोग इस आर्थिक दबाव को नहीं झेल पा रहे हैं।
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