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इस शहर को मिला दुनिया के सबसे प्रदूषित शहर का दर्जा, जानें किस देश की है राजधानी

इंडोनेशिया की राजधानी जकार्ता को शोधकर्ताओं ने दुनिया के सबसे अधिक प्रदूषित शहरों की सूची में रखा है। यहां की हवा में जहर घुला हुआ है। कहा जा रहा है कि सितंबर में जकार्ता का प्रदूषण स्तर और अधिक बढ़ सकता है।

Edited By: Dharmendra Kumar Mishra @dharmendramedia
Published on: August 11, 2023 22:20 IST
जकार्ता (फाइल फोटो)- India TV Hindi
Image Source : AP जकार्ता (फाइल फोटो)

दुनिया के तमाम शहर भयंकर प्रदूषण की चपेट में हैं। कई शहरों की हालत तो इतनी बदतर हो गई है कि वहां रहकर सांस ले पाना तक मुश्किल हो गया है। एक ताजे अध्ययन के मुताबिक इंडोनेशिया की राजधानी जकार्ता को दुनिया का सबसे प्रदूषित शहर करार दिया गया है। जांचकर्ताओं ने इंडोनेशिया की राजधानी को सबसे दूषित पाया है। इसका आकलन स्विटजरलैंड की वायु गुणवत्ता प्रौद्योगिकी कंपनी द्वारा किया गया है। जकार्ता को सबसे प्रदूषित शहर करार दिए जाने के बाद शुक्रवार को अधिकारियों ने कहा कि वायु प्रदूषण का मुख्य कारण शुष्क मौसम और मोटर वाहनों से निकलने वाला धुआं है।

दुनिया के चौथे सबसे अधिक आबादी वाले देश की राजधानी जकार्ता में पिछले कुछ महीनों से हर सुबह घना धुआं और धूलभरा आसमान दिखाई देता है। स्विटजरलैंड स्थित ‘आईक्यूएयर’ की हालिया रैंकिंग के अनुसार जकार्ता दुनिया के सबसे प्रदूषित शहरों की सूची में नियमित रूप से शीर्ष पर है। जकार्ता पर्यावरण एजेंसी के प्रमुख एसेप कुस्वांटो ने शुक्रवार को एक सम्मेलन में कहा, "वास्तव में, 2023 में अब तक जकार्ता की वायु गुणवत्ता की स्थिति में काफी उतार-चढ़ाव आया है।" इंडोनेशिया में फिलहाल मौसम शुष्क है, जो जुलाई से सितंबर तक चलता है।

सितंबर में और खराब हो सकता है जकार्ता में प्रदूषण स्तर

जकार्ता में सितंबर में वायु प्रदूषण चरम पर होता है। इस दौरान जकार्ता क्षेत्र में वायु गुणवत्ता खराब हो जाती है, क्योंकि यह देश के पूर्वी हिस्से से आने वाली शुष्क हवा से प्रभावित होती है। वायु प्रदूषण के लिए मोटर चालित वाहनों का उपयोग भी एक प्रमुख कारक है। पर्यावरण एवं वानिकी मंत्रालय के आंकड़ों में कहा गया है कि 44 प्रतिशत वायु प्रदूषण परिवहन से, जबकि 31 फीसद उद्योग से होता है। जकार्ता शहर में एक करोड़ 10 लाख लोग रहते हैं, जबकि वृहद महानगर क्षेत्र में कुल तीन करोड़ लोग निवास करते हैं।

अदालत के आदेश के बावजूद हालात जस के तस

वायु प्रदूषण एक संवेदनशील मुद्दा बन गया है, और ‘सेटेलाइट समुदायों’ से प्रतिदिन लाखों लोग इस शहर में आते हैं। इंडोनेशिया की एक अदालत ने 2021 में फैसला सुनाया था कि राष्ट्रपति जोको विदोदो और छह अन्य शीर्ष अधिकारियों ने नागरिकों के स्वच्छ हवा के अधिकारों की उपेक्षा की है। अदालत ने उन्हें राजधानी में खराब वायु गुणवत्ता में सुधार करने का आदेश दिया था।(एपी)

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