मालदीव के राष्ट्रपति जब से मोहम्मद मोइज्जू बने हैं, तभी से वे लगातार एक ही बात कहते आ रहे थे कि तीन दशक से भी अधिक समय से तैनात भारतीय सेना को मालदीव से वापस भारत बुलाया जाए। चीन समर्थक मोहम्मद मोइज्जू ने इसके लिए मियाद भी दे दी थी। अब इस पर अमल शुरू हो गया है। मालदीव में तैनात भारतीय सैनिकों की वापसी शुरू हो गई है। वहीं भारतीय सैनिकों की जगह लेने के लिए उनकी जगह एक अन्य टीम वहां पहुंच रही है। इस विशेष टेक्नीकल टीम का पहला जत्था मालदीव की राजधानी माले पहुंचा।
मालदीव के रक्षा मंत्रालय ने बताया कि देश में भारतीय संपत्तियों पर अब भारत के सैन्यकर्मियों की बजाय टेक्नीकल टीम के कर्मचारी तैनात होंगे। भारत द्वारा उपलब्ध कराए गए हेलीकॉप्टरों को ये कर्मी संभालेंगे। मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू ने भारत से कहा था कि वे अपने सशस्त्र सैनिकों को वापस भारत बुला लें। यही नहीं, उन्होंने अपना चुनाव भी 'इंडिया आउट' नारे पर ही लड़ा था। मोइज्जू ने भारत से कहा था किवे अपने सशस्त्र सैनिक भारत बुला लें और उनक जगह आम टेक्नीकल टीम को भेज दें। उन्हीं के कहने पर अब ये काम हो रहा है।
भारतीय तकनीकी दल पहुंचा माले
मालदीव के रक्षा मंत्रालय की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि वर्तमान में सीनू गान (अड्डू शहर) में तैनात भारतीय सैनिकों के स्थान पर हेलीकॉप्टर का संचालन करने वाला नागरिक दल सोमवार शाम मालदीव पहुंच गया है। हवाई अड्डे पर मौजूद भारतीय सैन्यकर्मियों ने मंगलवार तड़के नागरिकों को हैंडओवर प्रक्रिया शुरू कर दी है। मालदीव के रक्षा मंत्रालय ने कहा कि लामू गण कधधू हवाई अड्डे पर तैनात हेलीकॉप्टर को रखरखाव के लिए भारत लौटा दिया जाएगा और एक प्रतिस्थापन हेलीकॉप्टर बुधवार को भारतीय युद्धपोत पर आ जाएगा।
दोनों देशों के बीच तय हुई थी सैन्यकर्मियों की वापसी की बात
वर्तमान में 70 से 80 भारतीय सैन्यकर्मी मुख्य रूप से दो भारतीय हेलीकॉप्टरों और एक विमान को संचालित करने के लिए मालदीव में हैं। इनसे कई मेडिकल इमरजेंसी और मानवीय मिशनों को अंजाम दिया है। मालदीव के विदेश मंत्रालय ने 2 फरवरी को दिल्ली में भारत और मालदीव के बीच एक उच्च स्तरीय बैठक के बाद कहा था कि भारत 10 मई तक मालदीव में तीन विमानन प्लेटफार्मों का संचालन करने वाले अपने सैन्य कर्मियों को बदल देगा। उसी के तहत ये काम हो रहा है।