नयी दिल्ली: भारतीय नौसेना ने बंधक बनाए गए मछली पकड़ने वाले ईरानी पोत और उसके चालक दल के सदस्य के रूप में कार्यरत 23 पाकिस्तानी नागरिकों को समुद्री लुटेरों के खिलाफ 12 घंटे से अधिक चले अभियान के बाद छुड़ा लिया। अधिकारियों की ओर से यह जानकारी दी गई है। नौसेना के प्रवक्ता की ओर से जारी एक आधिकारिक बयान के अनुसार भारतीय नौसेना की विशेषज्ञ टीमें मछली पकड़ने वाले पोत की गहन जांच कर रही हैं ताकि मछली पकड़ने के काम को फिर से शुरू करने के लिए उसे सुरक्षित क्षेत्र में ले जाया जा सके।
भारतीय नौसेना ने क्या कहा
भारतीय नौसेना ने शुक्रवार देर शाम कहा था कि वह अगवा किए गए मछली पकड़ने वाले पोत को बचाने के लिए एक अभियान में लगी है जिस पर कथित तौर पर समुद्री डाकू और उसके चालक दल सवार हो गए हैं। नौसेना ने कहा कि जहाज को बृहस्पतिवार को रोक लिया गया। इसमें कहा गया, 'आईएनएस सुमेधा ने शुक्रवार तड़के एफवी ‘अल कंबर’ को रोका और बाद में आईएनएस त्रिशूल भी इसमें शामिल हो गया।' घटना के समय मछली पकड़ने वाला पोत सोकोट्रा से लगभग 90 समुद्री मील दक्षिण पश्चिम में था और 'हथियारों से लैस सशस्त्र समुद्री लुटेरे उस पर सवार थे।'
जारी रहेगी भारतीय नौसेना की कार्रवाई
यहां यह भी बता दें कि, सोकोट्रा द्वीप अदन की खाड़ी के पास उत्तर पश्चिम हिंद महासागर में है। पिछले कुछ महीनों में अदन की खाड़ी के पास व्यापारिक जहाजों पर बढ़ते समुद्री लुटेरों के हमलों को देखते हुए भारतीय नौसेना ने अपनी सतर्कता बढ़ा दी है। इससे पहले 5 जनवरी को भारतीय नौसेना ने समुद्री डाकुओं द्वारा अपहरण किए जाने के बाद लाइबेरिया के ध्वज वाले पोत एमवी लीला नोरफोक को सोमालिया तट से बचाया था। 23 मार्च को नौसेना स्टाफ के प्रमुख एडमिरल आर हरि कुमार ने कहा था कि नौसेना हिंद महासागर क्षेत्र को और अधिर सुरक्षित बनाने के लिए जरूरी कार्रवाई करेगी।
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