Highlights
- भारत और नेपाल के बीच सुरक्षा मामलों पर होगी अहम चर्चा
- भारत-नेपाल की दोस्ती से चीन परेशान
- नेपाल की राष्ट्रपति ने भारतीय सेना प्रमुख को किया सम्मानित
Indo-Nepal Relationship: भारत और नेपाल के बीच वैसे तो रोटी-बेटी का नाता कहा जाता है, लेकिन पिछले दो-तीन वर्षों के दौरान चीन दोनों देशों के बीच विलेन का काम कर रहा है। चीन ने नेपाल को भारत के खिलाफ भड़काने में जरा भी कसर नहीं छोड़ी। अभी पिछले दिनों भी चीनी प्रतिनिधि ने नेपाल का दौरा किया था। इस दौरान भी नेपाल को भारत के खिलाफ भड़काने और साजिश रचने में ड्रैगन ने कोई कमी नहीं रखी। मगर इसी के दो-तीन दिनों बाद ही भारत के सेना प्रमुख जनरल मनोड पांडेय पांच दिवसीय यात्रा के लिए नेपाल पहुंच गए हैं। उन्होंने नेपाल के प्रधानमंत्री शेर-बहादुर देउबा से मुलाकात की है। इस दौरान भारत और नेपाल के बीच सुरक्षा के मद्देनजर काफी अहम बातचीत हुई है। इससे चीन की झल्लाहट बढ़ गई है।
चीनी चाल पर दरअसल भारत ने अपने इस दौरे से पानी फेर दिया है। भारतीय सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे ने मंगलवार को अपनी पांच दिवसीय नेपाल यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री शेर बहादुर देउबा मिले। काठमांडू में भारतीय दूतावास के अनुसार, उनके साथ राजदूत नवीन श्रीवास्तव और प्रतिनिधिमंडल के अन्य सदस्य भी थे। दूतावास ने एक बयान में कहा कि जनरल पांडे ने काठमांडू में अपनी व्यस्तताओं के बारे में प्रधानमंत्री को जानकारी दी और नेपाल सरकार द्वारा दिए गए गर्मजोशी भरे आतिथ्य के लिए अपना व्यक्तिगत आभार व्यक्त किया। उन्होंने फिर से पुष्टि की कि वह दोनों देशों के बीच रक्षा सहयोग को और मजबूत करने के लिए काम करेंगे। इससे पहले दिन में, भारतीय सेना प्रमुख ने शिवपुरी में नेपाली आर्मी कमांड एंड स्टाफ कॉलेज का दौरा किया था और वहां के छात्रों और कर्मचारियों को संबोधित किया था।
नेपाल के राष्ट्रपति ने किया भारतीय जनरल को सम्मानित
चीन की झल्लाहट इसलिए भी बढ़ गई है कि भारतीय सेना प्रमुख को नेपाल की राष्ट्रपति विद्या देवी भंडारी ने नेपाली सेना के जनरल के मानद पद से सम्मानित किया। काठमांडू में राष्ट्रपति के आधिकारिक आवास 'शीतल निवास' में एक विशेष समारोह में उन्हें यह सम्मान दिया गया। समारोह के दौरान उन्हें तलवार और स्क्रॉल भी भेंट किया गया। इस समारोह में भारतीय राजदूत और दोनों देशों के अन्य वरिष्ठ अधिकारियों ने भाग लिया। एक दूसरे के देश के सेना प्रमुखों को मानद उपाधि से सम्मानित करने की परंपरा सात दशक पुरानी है। कमांडर-इन-चीफ, जनरल के.एम. करियप्पा पहले भारतीय सेना प्रमुख थे जिन्हें 1950 में इस उपाधि से नवाजा गया। जनरल पांडे का बुधवार को मस्टैंग जिले में स्थित मुक्तिनाथ मंदिर के दर्शन करने का कार्यक्रम है और उसी दिन वह पोखरा में नेपाली सेना के मिड कमांड मुख्यालय का भी दौरा करेंगे।
नेपाल के साथ लगती है भारत व चीन की सीमा
नेपाल भारत के लिए इसलिए भी अहम है कि चीन की काफी सीमा नेपाल से भी लगती है। नेपाल से रिश्ते मजबूत होने की दिशा में चीन की सभी साजिशों का भारत जवाब देने में सक्षम रहेगा। नेपाल भारत का पुराना सहयोगी रहा है। नेपाल के रास्ते कोई भी चीनी सैनिक घुसपैठ भी नहीं कर पाता। इससे भी भारत को बड़ी सुरक्षा रहती है। भारत और नेपाल के सैनिक बार्डर पर भाईचारे से रहते हैं। इससे भी चीन जलता है। चीन ने कई बार नेपाल और भारत के बीच रिश्ते खराब करने की कोशिश की। ताकि वह नेपाल के रास्ते भारत में नापाक गतिविधियों को अंजाम दे सके, लेकिन हर बार भारत ने उसकी चाल को विफल कर दिया।