Tuesday, November 05, 2024
Advertisement
  1. Hindi News
  2. विदेश
  3. एशिया
  4. अंतरिक्ष में इंसानों के लिए बस्तियां बनाएगा भारत, जानें कैसे होगा संभव; इस कंपनी ने शुरू किया काम

अंतरिक्ष में इंसानों के लिए बस्तियां बनाएगा भारत, जानें कैसे होगा संभव; इस कंपनी ने शुरू किया काम

भारत की स्पेस कंपनियों ने अंतरिक्ष में बस्तियां बनाने की योजना पर काम शुरू कर दिया है। भारत की स्पेस पिक्सल कंपनी ने इसके लिए उन क्षुद्र ग्रहों की तलाश भी शुरू कर दी है, जिसके जरिये इस कार्य को अंतरिक्ष में अंजाम दिया जाना है।

Edited By: Dharmendra Kumar Mishra @dharmendramedia
Published on: July 14, 2024 22:04 IST
प्रतीकात्मक फोटो- India TV Hindi
Image Source : AP प्रतीकात्मक फोटो

नई दिल्लीः वह दिन दूर नहीं, जब भारत अंतरिक्ष में इंसानों के लिए बस्तियां बना देगा। भले ही यह अभी सपने जैसा है, लेकिन बेंगलुरु आधारित स्टार्टअप पिक्सेल स्पेस ने इस योजना पर काम भी शुरू कर दिया है। कंपनी ने पृथ्वी अवलोकन उपग्रहों का अपना समूह तैयार कर चंद्रमा और क्षुद्रग्रहों का मानचित्रण करने और बाहरी अंतरिक्ष में बस्तियां बनाने के लिए आवश्यक सामग्री की तलाश करने की योजना बनाई है। पिक्सेल स्पेस के सह-संस्थापक और मुख्य कार्याधिकारी (सीईओ) अवैस अहमद ने स्टार्टअप की दीर्घकालिक योजनाओं के बारे में बताया और इनमें अंतरिक्ष में भविष्य की बस्तियों के लिए निर्माण सामग्री या संभावित ईंधन स्रोत खोजने के इरादे से क्षुद्रग्रहों की खोज का शामिल होना बताया है।

अहमद ने कहा, ‘‘हम ‘हाइपर-स्पेक्ट्रल’ कैमरे बना रहे हैं जो पृथ्वी को देखते हैं। उन्हीं कैमरों को अंतरिक्ष में अन्य वस्तुओं को देखने के लिए बाहर की ओर घुमाया जा सकता है। हम इन अंतरिक्ष यान को चंद्रमा, मंगल या क्षुद्रग्रह क्षेत्र में भेज सकते हैं, और सौर मंडल एक नक्शा बना सकते हैं।’’ उन्होंने कहा कि स्टार्टअप पृथ्वी के एकमात्र प्राकृतिक उपग्रह का अधिक विस्तार से पता लगाने के लिए उपग्रहों को चंद्रमा के चारों ओर की कक्षाओं में भी स्थापित करना चाहेगा। अहमद ने कहा, ‘‘हम मंगल और बृहस्पति के बीच क्षुद्रग्रह क्षेत्र में जा सकते हैं और पहचान सकते हैं कि इनमें से कौन से क्षुद्रग्रह आश्चर्यजनक तथा बेकार हैं, और उनमें से कौन सी कुछ बहुमूल्य सामग्रियां हैं जो अंतरिक्ष में उपयोगी हो सकती हैं।’’

क्षुद्रग्रहों पर बर्फ की तलाश

अहमद ने कहा कि उपग्रह क्षुद्रग्रहों पर बर्फ की तलाश कर सकते हैं जिसे हाइड्रोजन और ऑक्सीजन में विभाजित करके ईंधन के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है तथा पानी के रूप में भी संग्रहीत किया जा सकता है।  ‘‘इसलिए, जब मानवता अंतरिक्ष की ओर बढ़ रही है तो पृथ्वी से सारी सामग्री निकालने का कोई मतलब नहीं है, जबकि अंतरिक्ष में वास्तव में बहुत अधिक सामग्री उपलब्ध है।’’ उन्होंने कहा कि एलन मस्क की स्पेसएक्स अंतरिक्ष क्रांति के लिए रेलमार्ग के निर्माण पर तथा अमेजन के संस्थापक जेफ बेजोस की ब्लू ओरिजिन और अन्य अंतरिक्ष के लिए आवास निर्माण पर काम कर रही हैं।

अहमद ने कहा, ‘‘हम यह सब संभव करने के लिए सामग्री उपलब्ध कराने वाले बनना चाहते हैं। लेकिन बहुत दीर्घकालिक दृष्टिकोण है।’’ पिक्सेल स्पेस ने पृथ्वी का अधिक विस्तार से मानचित्रण तैयार करने के लिए अपने उपग्रह समूह के हिस्से के रूप में इस साल के अंत में छह ‘हाइपर-स्पेक्ट्रल’ उपग्रह प्रक्षेपित करने की योजना बनाई है। अगले वर्ष 18 अन्य उपग्रहों को प्रक्षेपित किया जाएगा जो पृथ्वी की निचली कक्षा में बेंगलुरु आधारित स्टार्टअप के उपग्रह समूह को पूरा करेंगे। (भाषा)

यह भी पढ़ें

अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति ट्रंप को गोली लगने के बाद अब कैसी है हालत, जानें क्या आगे प्रचार को रखेंगी जारी?


जेल में रहते ही इमरान खान ने सरकार की नाक में कर दिया दम, अब पीएम शहबाज शरीफ ने किया बड़ा ऐलान
 

 

Latest World News

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। Asia News in Hindi के लिए क्लिक करें विदेश सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement