Monday, November 25, 2024
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तालिबान का ऐलान, अफगानिस्तान में रुकी हुई परियोजनाओं पर दोबारा काम शुरू करेगा भारत, देश में सुधरेंगे हालात

Indian Projects in Afghanistan: तालिबान शासन आने के बाद से ही अफगानिस्तान में मानवीय संकट लगातार बढ़ रहा है। भारत यहां के आम लोगों को इस संकट से निकालने की बात कर रहा है।

Edited By: Shilpa @Shilpaa30thakur
Updated on: December 01, 2022 14:43 IST
अफगानिस्तान में रुक हुई परियोजनाओं पर फिर काम शुरू करेगा भारत- India TV Hindi
Image Source : AP अफगानिस्तान में रुक हुई परियोजनाओं पर फिर काम शुरू करेगा भारत

अफगानिस्तान में तालिबान सरकार ने कहा है कि भारत युद्धग्रस्त देश के कई प्रांतों में कम से कम 20 रुकी हुई परियोजनाओं पर काम फिर से शुरू करेगा। जून में भारत ने अफगानिस्तान की राजधानी में अपने दूतावास में एक 'तकनीकी टीम' तैनात करके काबुल में अपनी राजनयिक उपस्थिति फिर से स्थापित की है। अगस्त 2021 में तालिबान द्वारा सत्ता पर कब्जा करने के बाद भारत ने दूतावास से अपने अधिकारियों को उनकी सुरक्षा को लेकर चिंता के बाद वापस बुला लिया था। अफगानिस्तान के विदेश मंत्रालय ने इस साल अगस्त में कहा कि देश में भारत की राजनयिक उपस्थिति के परिणामस्वरूप नई दिल्ली द्वारा शुरू की गई 'अधूरी परियोजनाओं' को पूरा किया जाएगा और नई शुरुआत की जाएगी।

समाचार पोर्टल ‘टोलो न्यूज’ के अनुसार, मंगलवार को अफगानिस्तान के शहरी विकास और आवास मंत्रालय (एमयूडीएच) ने कहा कि भारतीय प्रभारी, भरत कुमार ने संबंधों में सुधार और देश में रुकी हुई परियोजनाओं को फिर से शुरू करने में रुचि व्यक्त की है। कुमार ने शहरी विकास एवं आवास मंत्री हमदुल्ला नोमानी के साथ बैठक के दौरान यह टिप्पणी की। एमयूडीएच के अनुसार, उम्मीद है कि भारत देश के कई प्रांतों में कम से कम 20 परियोजनाओं पर काम फिर से शुरू करेगा। टोलो न्यूज ने एमयूडीएच के एक प्रवक्ता मोहम्मद कमाल अफगान के हवाले से कहा, 'पूर्व सरकार के दौरान जिन परियोजनाओं को वे लागू कर रहे थे, लेकिन राजनीतिक परिवर्तन या अन्य मुद्दों के कारण देरी हो रही थी --- वे अब इन परियोजनाओं को फिर से शुरू करने में रुचि रखते हैं।'

देश में बढ़ेंगे रोजगार के अवसर

अर्थशास्त्रियों ने कहा कि इस कदम से रोजगार के अवसर बढ़ेंगे और देश में विकास को बढ़ावा मिलेगा। रिपोर्ट में एक अर्थशास्त्री दरिया खान बहीर के हवाले से कहा गया है, 'इन परियोजनाओं के फिर से शुरू होने से लोगों के लिए रोजगार के अवसर भी पैदा हो सकते हैं और यह लोगों की आय को बढ़ावा दे सकता है और अफगानिस्तान को राजनीतिक अलगाव से बाहर निकाल सकता है।' एक अन्य अर्थशास्त्री नज़कामिर ज़िरमल ने कहा, 'इन परियोजनाओं के फिर से शुरू होने से ग़रीबी और बेरोज़गारी के स्तर में कमी आएगी।' भारत ने अफगानिस्तान में नए शासन को मान्यता नहीं दी है और काबुल में वास्तव में समावेशी सरकार के गठन के लिए जोर दे रहा है। इसके अलावा वह इस बात पर जोर दे रहा है कि किसी भी देश के खिलाफ आतंकवादी गतिविधियों के लिए अफगान भूमि का उपयोग नहीं किया जाना चाहिए।

मानवीय संकट दूर करने की बात कर रहा भारत

देश में सामने आ रहे मानवीय संकट को दूर करने के लिए अफगानिस्तान को अबाध मानवीय सहायता प्रदान करने की भारत वकालत कर रहा है। विदेश मंत्रालय के अनुसार, भारत ने अफगान लोगों को मानवीय सहायता प्रदान की है और वह पहले ही मानवीय सहायता की कई खेप भेज चुका है, जिसमें 20,000 मीट्रिक टन गेहूं, 13 टन दवाएं, 500,000 कोविड वैक्सीन की खुराक और सर्दियों के कपड़े शामिल हैं। इन खेपों को काबुल में इंदिरा गांधी चिल्ड्रन हॉस्पिटल, विश्व स्वास्थ्य संगठन और विश्व खाद्य कार्यक्रम सहित संयुक्त राष्ट्र की एजेंसियों को सौंप दिया गया। इसके अलावा, भारत ने अफगानिस्तान को चिकित्सा सहायता और खाद्यान्न भी भेजा है। 

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