India on China: भारतीय प्रधानमंत्री के हालिया अरुणाचल प्रदेश के दौरे पर चीन की आपत्ति का भारत ने करारा जवाब दिया है। भारत ने चीन को जोरदार नसीहत देते हुए उसके ऐतराज को सिरे से नकार दिया है। पीएम मोदी की हालिया यात्रा के संदर्भ में चीनी आपत्ति को कठोरता से नकारते हुए मंगलवार को कहा कि 'अरुणाचल प्रदेश हमेशा भारत का अभिन्न एवं अविभाज्य हिस्सा था, है और रहेगा।
इस संबंध में विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायवसवाल ने बताया कि भारत ने इससे पहले भी अपने अडिग रुख से चीन को अवगत करा चुका है। उन्होंने कहा कि भारतीय नेताओं के अरुणाचल प्रदेश के इस प्रकार के दौरों या राज्य में भारत की विकास से जुड़े परियोजनाओं पर आपत्ति जताने का कोई औचित्य ही नहीं है। उन्होंने कहा कि हम पीएम मोदी के अरुणाचल प्रदेश दौरे के संबंध में चीनी पक्ष द्वारा की गई टिप्पणियों को अस्वीकार करते हैं।
पीएम के हालिया दौरे पर चीन ने जताई थी आपत्ति
दरअसल, चीन ने सोमवार को पीएम मोदी के पिछले सप्ताह अरुणाचल के दौरे और वहां विकास कार्यों के लिए धनराशि की घोषणा को लेकर विरोध दर्ज कराया था, जिसका भारत ने कड़ा विरोध करते हुए चीन की आपत्ति को सिरे से नकार दिया। चीन ने भारत के इस कदम से सीमा विवाद के जटिल होने की बात कहकर क्षेत्र पर फिर से अपना दावा जताया था, जिसे भारत ने नकार दिया।
जानिए क्या बोले भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता?
जायसवाल ने कहा कि ऐसी यात्राओं पर चीन की आपत्ति इस वास्तविकता को नहीं बदल पाएगी कि अरुणाचल प्रदेश भारत का अभिन्न एवं अविभाज्य हिस्सा था, है और हमेशा रहेगा। उन्होंने कहा कि भारतीय नेता भारत के अन्य राज्यों की तरह ही समय-समय पर अरुणाचल प्रदेश का दौरा करते हैं। ऐसे दौरों या भारत की विकास से जुड़ी परियोजनाओं पर आपत्ति जताना बिल्कुल भी उचित नहीं है। जयसवाल ने कहा यह सच है कि इससे यह वास्तविकता नहीं बदलेगी कि अरुणाचल प्रदेश भारत का अभिन्न एवं अविभाज्य हिस्सा था, है और हमेशा रहेगा।
चीन को बता दिया भारत का अडिग रुख
उन्होंने कहा कि चीनी पक्ष को कई बार इस अडिग रुख के बारे में बता दिया गया है। जायसवाल ने मोदी के अरुणाचल प्रदेश दौरे पर चीन की आपत्ति से जुड़े मीडिया के सवालों का जवाब देते हुए यह कहा। चीन, अरुणाचल प्रदेश के दक्षिण तिब्बत होने का दावा करता है। वह भारतीय नेताओं के राज्य का दौरा करने पर नियमित रूप से आपत्ति जताता रहा है।