Highlights
- समुद्र के रास्ते पाकिस्तान और चीन को तबाह करने में भारत सक्षम
- परमाणु संपन्न पनडुब्बी रखने वाला दुनिया का छठां देश बना भारत
- बंगाल की खाड़ी में आइएनएस अरिहंत से न्यूक्लियर बैलिस्टिक मिसाइल का सफल परीक्षण
India Arms & Ammunition News:भारत इस वक्त दुनिया की सबसे बड़ी चौथी सेना है। पिछले कुछ वर्षों से भारत लगातार अपनी सैन्य क्षमता को अभूतपूर्व तरीके से बढ़ाता जा रहा है। रक्षा क्षेत्र में भारत के बढ़ते दबदबे और आत्मनिर्भरता को देखकर चीन, पाकिस्तान से लेकर अमेरिका और फ्रांस तक हैरान हैं। अब भारत ने एक कदम और आगे रखते हुए समुद्र में न्यूक्लियर बैलिस्टिक मिसाइल का सफल परीक्षण किया है। इसके साथ ही भारत अब अमेरिका और फ्रांस की श्रेणी में आकर खड़ा हो गया है, क्योंकि इस तरह की मिसाइल बनाने की महारत अभी तक सिर्फ अमेरिका और फ्रांस जैसे चुनिंदा देशों के पास ही रही है।
भारत ने इस मिसाइल का समुद्र में परीक्षण किया है। इससे भारत की परमाणु संपन्न पनडुब्बी की ताकत और बढ़ गई है। अब भारत की नौसेना पाकिस्तान से लेकर चीन तक के छक्के छुड़ा सकती है। यह बेहद खतरनाक मिसाइल है, जो पानी के रास्ते ही जाकर चीन और पाकिस्तान में भारी तबाही मचा सकती है।
अमेरिका और फ्रांस की श्रेणी में खड़ा हुआ भारत
भारत ने बंगाल की खाड़ी में मौजूद परमाणु पनडुब्बी आइएनएस अरिहंत से इस खतरनाक न्यूक्लियर बैलिस्टिक मिसाइल का सफल परीक्षण किया है। भारत ने इस परीक्षण के साथ दुनिया के सभी ताकतवर देशों को बड़ा संदेश भी दे दिया है। मतलब साफ है कि पीएम मोदी जैसे शक्तिशाली नेतृत्व में 21वीं सदी का भारत अब किसी भी देश से पीछे नहीं रहने वाला है। इस न्यूक्लियर बैलिस्टिक मिसाइल का सफल परीक्षण करने के बाद भारत अब फ्रांस, अमेरिका, रूस, चीन और ब्रिटेन की श्रेणी में आ गया है। क्योंकि इस तरह की परमाणु संपन्न पनडुब्बी भारत से पहले केवल इन्हीं पांच देशों के पास ही थी। अब भारत परमाणु संपन्न पनडुब्बी वाला दुनिया का छठां देश बन गया है।
हिंद महासागर में चीन को चुनौती
चीन लगातार हिंद महासागर क्षेत्र में अपनी नौसेना की ताकत बढ़ा रहा है और उसकी परमाणु संपन्न पनडुब्बियां इन इलाकों में चक्कर काट रही हैं। भारत और चीन के रिश्ते पिछले तीन वर्षों से बेहद तल्ख चल रहे हैं। कभी भी दोनों देशों के बीच युद्ध के हालात बन जाएं तो आश्चर्य नहीं होना चाहिए। इन्हीं आशंकाओं के मद्देनजर भारत दुनिया के शक्तिशाली देशों के बराबर की क्षमता हासिल करने में जुटा है। ताकि वह दुश्मन देशों को जवाब देने के साथ अपनी ताकत को बढ़ा सके। अगर देश रक्षा से लेकर आर्थिक क्षेत्र, टेक्नॉलोजी के क्षेत्र और इंफ्रास्ट्रक्चर में मजबूत नहीं होगा तो अन्य देशों के सामने दबदबा कायम करना आसान नहीं होगा। इसलिए पीएम मोदी हर क्षेत्र में भारत को लगातार मजबूती प्रदान कर रहे हैं।
13 वर्षों में पहली बार न्यूक्लियर सबमरीन से लांचिंग
भारत ने पिछले 13 वर्षों में पहली बार न्यूक्लियर सबमरीन से इस बैलिस्टिक मिसाइल की लांचिंग की है। इसका पूरी दुनिया में बड़ा संदेश गया है। यह आधुनिक और शक्तिशाली भारत की पहचान का एक और बड़ा तमगा है। भारत ने 2009 में भी इसी तरह की एक अन्य न्यूक्लियर मिसाइल की लांचिंग की थी। तब से अपने इस तरह के कार्यक्रमों को गुप्त रखा था।
परमाणु हमले का कड़ा जवाब देने में सक्षम हुआ देश
भारत अपने इस न्यूक्लियर मिसाइल टेस्ट से अब परमाणु हमला होने की स्थिति में कड़ा जवाब देने में सक्षम हो गया है। हालांकि भारत की प्रथम विशेषता यह है कि पहले वह किसी पर परमाणु हमला नहीं करेगा। मगर कोई देश भारत को निशाना बनाता है तो फिर वह उसे कतई छोड़ने वाला नहीं है। इसलिए बैलिस्टिक न्यूक्लियर मिसाइल की यह क्षमता भी हासिल कर ली गई है। यह परमाणु संपन्न पनडुब्बी बंगाल की खाड़ी में तैनात है।
भारत के पास हैं 3500 किलोमीटर तक मार करने वाली परमाणु मिसाइलें
परमाणु ऊर्जा से चलने वाली पनडुब्बियों का निर्माण और परमाणु संपन्न पनडुब्बियों से न्यूक्लियर बैलिस्टिक मिसाइल दागने की क्षमता का विकास करना भारत की प्राथमिकता में है, जिस पर देश लगातार आगे बढ़ रहा है। अभी अपने देश के पास के-15 और के-4 न्यूक्लियर बैलिस्टिक मिसाइलें हैं, जिनकी मारक क्षमता 750 से 3500 किलोमीटर तक है। इन मिसाइलों को आइएनएस अरिहंत से दागा जा सकता है। इस परीक्षण से अब यह साबित हो गया है कि आइएनएस अरिहंत श्रेणी की पनडुब्बियां पूरी तरह सक्रिय और पूर्ण क्षमतावान हैं।