नेपाल के अन्नपूर्णा पर्वत से सुरक्षित निकाली गईं भारत की प्रमुख महिला पर्वतारोही बलजीत कौर कोरोना वायरस से संक्रमित पायी गई हैं। अभियान के एक आयोजक अधिकारी ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी देते हुए बताया कि उन्हें अस्पताल से एक या दो दिनों में छुट्टी मिलने की संभावना है। कौर (27) अन्नपूर्णा पर्वत के शिखर से उतरते समय 'चौथे कैंप' के पास से लापता होने के एक दिन बाद मंगलवार को सकुशल मिल गईं थीं।
एक हवाई खोज दल ने ‘चौथे कैंप’ के पास उनका पता लगाया था और उन्हें काठमांडू ले आया था। वह शीतदंश (फ्रॉस्टबाइट) से पीड़ित थीं और उन्हें काठमांडू के त्रिभुवन अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से सीआईडब्ल्यूईसी अस्पताल ले जाया गया। अभियान का आयोजन करने वाले ‘पायनियर एडवेंचर प्राइवेट लिमिटेड’ के अध्यक्ष पसांग तेनजे शेरपा ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया, “वह कोविड-19 से उबर रही हैं। सीआईडब्ल्यूईसी अस्पताल में इलाज के दौरान उन्हें पृथकवास में रखा गया है।” शेरपा ने बताया, “वह एक अच्छी पर्वतारोही हैं और पूरी तरह से ठीक होने के बाद वह धौलागिरी के लिए रवाना होंगी।
अन्नपूर्णा पर्वत शिखर से लापता
” कौर (27) दो दिन पहले अन्नपूर्णा पर्वत के शिखर से उतरते समय 'चौथे कैंप' के पास से लापता हो गई थीं जिसके बाद उनकी तलाश शुरू की गई थी। हवाई खोजी दल ने कौर को शिविर-4 की ओर अकेले उतरते देखा था। शिखर बिंदु के नीचे अकेली रह गईं अग्रणी भारतीय महिला पर्वतारोही मंगलवार को सुबह तक रेडियो संपर्क से बाहर रहीं। मंगलवार की सुबह एक हवाई खोजी अभियान शुरू किया गया जिसके बाद वह 'तत्काल मदद' के लिए एक रेडियो सिग्नल भेजने में कामयाब रहीं। शेरपा के अनुसार, कौर की जीपीएस लोकेशन ने 7,375 मीटर (24,193 फुट) की ऊंचाई का संकेत दिया था। वह सोमवार शाम करीब सवा पांच बजे दो शेरपा गाइड के साथ अन्नपूर्णा चोटी पर पहुंची थीं। उन्हें ढूंढ़ने के लिए कम से कम तीन हेलीकॉप्टर लगाए गए थे।
बलजीत कौर ने बनाया था ये रिकॉर्ड
पिछले साल मई में, हिमाचल प्रदेश की निवासी बलजीत कौर ने 'माउंट ल्होत्से' को फतह किया था और एक ही मौसम में 8000 मीटर ऊंची चार चोटियों पर चढ़ने वाली वह पहली भारतीय पर्वतारोही बनीं। पिछले साल उन्होंने अन्नपूर्णा, धौलागिरी, कंचनजंगा, एवरेस्ट, ल्होत्से और मकालू पर्वत पर ऑक्सीजन की मदद से चढ़ाई की थी और इस साल वह इन पर्वतों पर बिना ऑक्सीजन के चढ़ने का प्रयास कर रही हैं। अन्नपूर्णा दुनिया का दसवां सबसे ऊँचा पर्वत है, जो समुद्र तल से 8,091 मीटर की ऊंचाई पर है। इसकी चढ़ाई अत्यंत दुर्गम और खतरों से भरी होती है। ‘पायनियर एडवेंचर प्राइवेट लिमिटेड’ के अध्यक्ष पसांग तेनजे शेरपा ने बताया कि बलजीत का मनोबल कम नहीं हुआ है और वह अगले पर्वतारोहण अभियान की योजना बना रही हैं।