चीन और रूस के हमले के खतरे से जूझ रहे जापान में भारतीय वायुसेना के सुखोई-30 लड़ाकू विमान ने गरजना शुरू कर दिया है। यह अभ्यास राजधानी टोक्यो के पास हो रहा है। भारत और जापान के बीच आज से शुरू हुआ हवाई अभ्यास 11 दिनों तक चलेगा। इसमें जापानी वायुसेना के 8 फाइटर जेट और भारत के 4 फाइटर जेट और दो ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट और एक हवा में ईंधन भरने वाला टैंकर भेजा गया है। इस युद्धाभ्यास में हिस्सा लेने के लिए भारतीय वायुसेना के 150 जवान भी पहुंचे हैं।
चीन पर लगेगी लगाम
इस संयुक्त हवाई अभ्यास को लेकर साल 2019 में जापान और भारत के रक्षा मंत्री और विदेश मंत्रियों के बीच सहमति बनी थी। हालांकि कोरोना वायरस महामारी के कारण इसमें देरी हुई। ऑस्ट्रेलिया और संयुक्त राज्य अमेरिका के साथ जापान और भारत दोनों क्वाड के सदस्य हैं। जानकारों का कहना है कि हिंद-प्रशांत क्षेत्र में चीन के बढ़ते सैन्य और आर्थिक दबदबे पर लगाम लगाने के लिए क्वाड बनाया गया है। ताइवान पर चीन के हमले के खतरे को देखते हुए जापान इन दिनों हाल के दिनों में कई देशों के साथ सैन्य अभ्यास कर रहा है।
भारी मात्रा में जापान खरीद रहा हथियार
इतना ही नहीं जापान टॉमहॉक क्रूज मिसाइल से लेकर एफ-35 फाइटर जेट तक सब कुछ खरीद रहा है। हाल ही में उन्होंने अपने विशाल रक्षा बजट की घोषणा की है। जापान अब तक रक्षात्मक संविधान का पालन कर रहा था, लेकिन ड्रैगन के खतरे को देखते हुए अब वह अपनी रक्षा और सुरक्षा रणनीति में बदलाव कर रहा है। जापान अब साल 2027 तक अपने रक्षा बजट पर जीडीपी का 2 फीसदी खर्च करेगा।