Tuesday, November 05, 2024
Advertisement
  1. Hindi News
  2. विदेश
  3. एशिया
  4. अमेरिका ने समझा और यूरोप ने जाना, रूस चुपके-चुपके भर रहा भारत का खजाना

अमेरिका ने समझा और यूरोप ने जाना, रूस चुपके-चुपके भर रहा भारत का खजाना

रूस- यूक्रेन युद्ध के बाद पीएम मोदी के दोस्त राष्ट्रपति पुतिन उस वक्त बेहद परेशान हो गए थे, जब पश्चिमी देशों ने रूस पर यूक्रेन हमले का दोषी मानते हुए कई तरह के प्रतिबंध लगा दिए थे और इसमें रूस के कच्चे तेल पर प्राइस कैप भी शामिल था। इससे रूस की अर्थव्यवस्था डांवाडोल होने का खतरा था। मगर दोस्त भारत ने उसे संभाल लिया।

Edited By: Dharmendra Kumar Mishra @dharmendramedia
Updated on: April 09, 2023 17:22 IST
प्रतीकात्मक फोटो- India TV Hindi
Image Source : SOCIAL MEDIA प्रतीकात्मक फोटो

रूस- यूक्रेन युद्ध के बाद पीएम मोदी के दोस्त राष्ट्रपति पुतिन उस वक्त बेहद परेशान हो गए थे, जब पश्चिमी देशों ने रूस पर यूक्रेन हमले का दोषी मानते हुए कई तरह के प्रतिबंध लगा दिए थे और इसमें रूस के कच्चे तेल पर प्राइस कैप भी शामिल था। इससे रूस की अर्थव्यवस्था डांवाडोल होने का खतरा था। मगर दोस्त भारत ने उसे संभाल लिया। रूस ने भी भारत की इस दोस्ती की कीमत अदा करने में कोई चूक नहीं दिखाई। यह बात अब अमेरिका और यूरोप भी जान और समझ रहा है कि रूस चुपके-चुपके भारत का खजाना भर रहा है। दरअसल रूस भारत को बहुत सस्ते दर पर यह तेल दे रहा है और भारत प्रतिबंधों के बावजूद रूस की खुल कर मदद कर रहा है।

हालांकि आरंभ में अमेरिका ने रूस से कच्चा तेल खरीदने पर भारत से नाराजगी जताई थी, लेकिन विदेश मंत्री एस जयशंकर ने साफ कह दिया था कि भारत अपनी ऊर्जा जरूरतों के मुताबिक जहां से सस्ता तेल मिलेगा, वहां से खरीदेगा। यह भारत का अधिकार भी है और कोई देश भारत को सुझाव नहीं दे सकता। यही वजह है कि रूस पिछले 6 महीनों के दौरान भारत का सबसे बड़ा कच्चा तेल निर्यातक बन चुका है।

रूस से भारत का कच्चे तेल का आयात

आंकड़ों के मुताबिक रूस से भारत का कच्चे तेल का आयात मार्च में बढ़कर 16.4 लाख बैरल प्रतिदिन (बीपीडी) की नई ऊंचाई पर पहुंच गया। इस तरह रूस से भारत का तेल आयात इराक की तुलना में दोगुना हो गया है। ऊर्जा की खेप पर निगाह रखने वाली वॉर्टेक्सा के अनुसार, रूस लगातार छठे महीने भारत का सबसे बड़ा कच्चा तेल आपूर्तिकर्ता बना हुआ है। भारत के कच्चे तेल के आयात में रूस का हिस्सा एक-तिहाई से अधिक है। कच्चे तेल को रिफाइनरी इकाइयों में पेट्रोल और डीजल में बदला जाता है। रिफाइनरी कंपनियां अन्य ग्रेड की तुलना में रियायती मूल्य पर उपलब्ध रूसी तेल खरीद कर रही हैं। फरवरी, 2022 में रूस-यूक्रेन संघर्ष शुरू होने से पहले भारत के कच्चे तेल के आयात में रूस की बाजार हिस्सेदारी एक प्रतिशत से भी कम थी। मार्च में रूस से भारत का कच्चे तेल आयात बढ़कर 16.4 लाख बैरल प्रतिदिन हो गया। भारत के आयात में रूस की हिस्सेदारी 34 प्रतिशत हो गई है।

भारत की रूस से कच्चे तेल की खरीद इराक से दोगुना

मार्च में भारत की रूस से कच्चे तेल की खरीद इराक से दोगुना रही है। इस दौरान इराक से कच्चे तेल का आयात 8.1 लाख बैरल प्रतिदिन से अधिक रहा है। इराक 2017-18 से भारत का सबसे बड़ा कच्चा तेल आपूर्तिकर्ता था। चीन और अमेरिका के बाद भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा कच्चा तेल आयातक है। यूक्रेन पर हमले के बाद पश्चिम ने रूस पर प्रतिबंध लगाए हैं। ऐसे में रूसी कच्चा तेल रियायती मूल्य पर उपलब्ध है और भारत इसकी जमकर खरीद कर रहा है। वॉर्टेक्सा के अनुसार, मार्च में सऊदी अरब 9.86 लाख बैरल प्रतिदिन के साथ भारत का दूसरा सबसे बड़ा आपूर्तिकर्ता था। वहीं इराक 8.21 लाख बैरल प्रतिदिन की आपूर्ति के साथ तीसरे नंबर पर था। मार्च में संयुक्त अरब अमीरात 3.13 लाख बैरल प्रतिदिन के साथ भारत का चौथा सबसे बड़ा कच्चा तेल आपूर्तिकर्ता बन गया। इसने अमेरिका को पीछे छोड़ा। अमेरिका ने मार्च में भारत को 1.36 लाख बैरल प्रतिदिन कच्चे तेल की आपूर्ति की। फरवरी में अमेरिका से भारत का आयात 2.48 लाख बैरल प्रतिदिन था।

Latest World News

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। Asia News in Hindi के लिए क्लिक करें विदेश सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement