नई दिल्ली: भारत ने बांग्लादेश में हिंदुओं और अन्य अल्पसंख्यकों के खिलाफ हिंसा की घटनाओं को लेकर गंभीर चिंता जाहिर की है। भारत ने बृहस्पतिवार को कहा कि हिंदुओं के जीवन और स्वतंत्रता की रक्षा करने की प्राथमिक जिम्मेदारी ढाका में अंतरिम सरकार की है। मगर भारत हिंदुओं के हालात पर नजर बनाए हुए है। राज्यसभा में विदेश राज्य मंत्री कीर्ति वर्धन सिंह का यह जवाब, विदेश सचिव विक्रम मिस्री के ढाका की यात्रा करने और बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के शीर्ष राजनीतिक अधिकारियों को इस मामले पर नयी दिल्ली की चिंताओं से अवगत कराने के कुछ दिनों बाद आया है।
उन्होंने कहा कि भारत बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों की स्थिति पर करीबी नजर रख रहा है। उन्होंने कहा कि उस देश की सरकार ने अल्पसंख्यकों के खिलाफ हिंसा के संबंध में कथित तौर पर 70 लोगों को गिरफ्तार किया है और 88 मामले दर्ज किए हैं। सिंह ने कहा, ‘‘बांग्लादेश में हिंदुओं और अन्य सभी अल्पसंख्यक समुदायों की सुरक्षा सुनिश्चित करने को लेकर भारत की चिंताओं को बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के अधिकारियों के समक्ष विभिन्न अवसरों पर, उच्चतम स्तर पर भी, उठाया गया और दोहराया गया है।’’ मंत्री ने बांग्लादेश की स्थिति पर अलग-अलग सवालों का जवाब देते हुए यह टिप्पणी की। उन्होंने कहा, ‘‘ढाका में भारत का उच्चायोग अल्पसंख्यकों के कल्याण के संबंध में बांग्लादेश के अधिकारियों के साथ नियमित संपर्क में है।’’ उ
हिंदुओं की रक्षा करना बांग्लादेश की जिम्मेदारी
कीर्ति वर्धन सिंह ने कहा, ‘‘अल्पसंख्यकों सहित बांग्लादेश के सभी नागरिकों के जीवन और स्वतंत्रता की सुरक्षा की प्राथमिक जिम्मेदारी बांग्लादेश सरकार की है।’’ सिंह ने बांग्लादेश में हिंदुओं और अन्य अल्पसंख्यकों तथा उनके घरों, व्यवसायों और मंदिरों पर हमलों के उदाहरणों का भी हवाला दिया। उन्होंने कहा, ‘‘बांग्लादेश में हाल ही में दुर्गा पूजा उत्सव के दौरान मंदिरों और पूजा मंडपों पर हमलों की खबरें भी सामने आईं।’’ सिंह ने कहा कि सरकार ने ढाका के तांतीबाजार में पूजा मंडप पर हमले और दुर्गा पूजा के दौरान सतखीरा में जेशोरेश्वरी काली मंदिर में चोरी की घटना को लेकर अपनी गंभीर चिंता व्यक्त की है।’’
उन्होंने कहा कि इन हमलों के बाद बांग्लादेश सरकार ने दुर्गा पूजा के शांतिपूर्ण उत्सव को सुनिश्चित करने के लिए सेना और सीमा रक्षकों की तैनाती सहित विशेष सुरक्षा प्रदान करने के निर्देश जारी किए हैं।बता दें कि पूर्व पीएम शेख हसीना के भारत में शरण लेने के कुछ दिनों बाद ही नोबेल शांति पुरस्कार विजेता मोहम्मद यूनुस ने बांग्लादेश की सत्ता संभाली। हाल के हफ्तों में हिंदुओं पर हमलों और इस्कॉन के हिंदू संत चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी के कारण दोनों देशों के संबंध और भी खराब हो गए। (भाषा)