MQ-9B Drone: आज का समय तकनीक का है। टेक्नोलॉजी में विश्व अब बहुत आगे बढ़ चुका है। ऐसे में जंग भी अब पारंपरिक नहीं रह गई है। उन्नत टेक्नोलॉजी वाले ड्रोन ने हाल के समय में रूस और यूक्रेन की जंग में दिखा दिया कि अब टैंक और बंदूक की लड़ाई का नहीं, उन्नत टेक्नोलॉजी से लैस जंगी ड्रोन का जमाना है। ईरानी, टर्किश ड्रोन का जहां रूस ने उपयोग किया, वहीं अमेरिका से मिले जंगी ड्रोन से यूक्रेन ने रूस को काफी नुकसान पहुंचाया। लक्ष्य को भेदने में ड्रोन कितना असरकारक है इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि अमेरिका जैसे सबसे ताकतवर देश ने MQ-9B का उपयोग करके दुनिया के सबसे खतरनाक आतंकवादी ओसामा बिन लादेन और अलजवाहिरी को मार गिराया। इसी कड़ी में अब खतरनाक ISIS के लीडर उसामा अल-मुजाहिर को ताजा ड्रोन हमले में मार गिराया है।
अमेरिकी सेना ने पश्चिमी सीरिया में हवाई हमले के दौरान एमक्यू-9 रीपर ड्रोन से आइएसआइएस खतरनाक नेता को मार गिराने का दावा किया। इससे एक बार फिर MQ-9B ड्रोन की उपयोगिता साबित हुई है। जानिए इस ड्रोन के बारे में यह कितना अचूक वार करता है, इसकी खासियत क्या है। अमेरिका से भारत की इस ड्रोन को लेकर क्या डील हुई है।
जल्द ही भारतीय सेना के बेड़े में शामिल होंगे MQ-9B ड्रोन
अमेरिकी सेना ने इस्लामिक स्टेट ऑफ इराक एंड सीरिया (आइएसआइएस) के लीडर उसामा अल-मुजाहिर को ड्रोन हमले में मार गिराया है। इस हमले में जिस MQ-9B प्रिडेटर ड्रोन का इस्तेमाल किया गया, वो भारत के बेड़े में भी शामिल होने वाले हैं जानकारी के अनुसार भारतीय सेना के बेडे़ में जल्द ही 14 अमेरिकी MQ-9B प्रिडेटर ड्रोन शामिल होंगे। यह संख्या आगे इससे ज्यादा भी हो सकती है। इससे भारतीय सेना का ताकत कई गुना बढ़ जाएगी। यह ड्रोन जल, थल और वायुसेना के बेड़े में शामिल होंगे। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार इसके लिए अमेरिका से 3 बिलियन अमेरिकी डॉलर के सौदे हो सकते हैं।
जानिए MQ-9B ड्रोन क्यों हैं बेहद असरकारक?
अमेरिका के ये ‘सी गार्डियन’ ड्रोन तीनों सशस्त्र बलों के लिए खरीदे गये हैं क्योंकि ये ड्रोन समुद्री निगरानी और पनडुब्बी रोधी युद्ध सहित कई तरह की भूमिकाएं निभा सकते हैं। सूत्रों ने बताया कि नौसेना को 14 ड्रोन, जबकि भारतीय वायुसेना और थलसेना को 8-8 ड्रोन मिलने की संभावना है।
- एमक्यू-9बी के दो स्वरूप हैं-स्काई गार्डियन और सी गार्डियन। यह एंटी टैंक मिसाइल, एंटी शिप मिसाइल और लेजर गाइडेड मिसाइल चलाने की क्षमता रखते हैं।
- यह 5670 किलोग्राम वजन के साथ लैंडिंग और टेकऑफ कर सकते हैं। यह सर्च और रेस्क्यू मिशन,आपदा प्रबंधन, बॉर्डर एंड लॉ एन्फोर्समेंट, डिफेंस काउंटर एयर, एयरबोर्न अर्ली वार्निंग में भी अहम भूमिका निभाने की क्षमता रखते हैं।
- एमक्यू-9 रीपर ड्रोन्स के पंखों की लंबाई 20 मीटर है, जबकि इसकी लंबाई 11 मीटर है। ये ड्रोन 27 घंटे तक लगातार उड़ान भर सकता है।
- एमक्यू-9 हवा में 444 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से उड़ान भर सकते हैं। ड्रोन की सबसे बड़ी खासियत ये है कि ये 50 हजार फीट की ऊंचाई तक उड़ान भर सकता है। ड्रोन 1746 किलो के वजन को अपने साथ लेकर उड़ने की क्षमता भी रखता है।
LAC पर चीनी हरकतों की भी रखी जा सकेगी नजर
रक्षा मंत्रालय ने पिछले दिनों पाकिस्तान और विशेष रूप से चीन से लगी सीमा पर सशस्त्र बलों के निगरानी उपकरण बढ़ाने के लिए 30 एमक्यू-9बी प्रीडेटर ड्रोन अमेरिका से खरीदने की गुरुवार को मंजूरी दी। सूत्रों ने यह जानकारी दी। अमेरिका का विशेष MQ-9B वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC ) पर चीनी दुश्मनों पर नजर रखेगा। इससे चीनी घुसपैठ को रोकने में मदद मिलेगी। साथ ही यह दुश्मनों की सभी तरह की मिसाइल को भी मार गिराने और अटैक करने की क्षमता भी रखते हैं।
इस ड्रोन के बेड़े में शामिल होने से सीमा पर से आतंकवादियों की घुसपैठ पर पैनी नजर रखी जा सकेगी। घुसपैठ करते ही ड्रोन से खात्मा करना आसान हो जाएगा। यही नहीं, ड्रोन से सीमा पार आतंकवादियों की गतिविधियों पर भी नजर रखी जा सकेगी। भारत की यूएस से इस ड्रोन की डील के बाद पाकिस्तान में भी खलबली मची हुई है।