Pakistan-Russia Oil: पाकिस्तान के साथ तेल का 'खेला' हो गया है। भारत की तरह पाकिस्तान भी रूस से कच्चा तेल खरीदने के लिए काफी मशक्कत कर रहा था। जैसे तैसे पाकिस्तान ने रूस से कच्चा तेल खरीदना तो शुरू कर दिया। लेकिन भारत की नकल करना उसे भारी पड़ गया। पाकिस्तान को जो रूसी कच्चा तेल मिला है। वह पाकिस्तान की सरकार अपनी जनता को सस्ते दामों पर नहीं दे पा रही है। इसका कारण यह है कि पाकिस्तान के पास तेल रिफाइन करने की कोई उन्नत तकनीक ही नहीं है। ऐसे में पाकिस्तान के लिए यही तेल मुसीबत का सबब बन गया है। आइए विस्तार से जानते हैं कैसे?
भारत की नकल पाकिस्तान द्वारा रूस से कच्चा तेल खरीदने घाटे का सौदा बन गया है।पाकिस्तानी मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तान में इस समय मौजूद सभी रिफाइनरी पुरानी प्रोसिसिंग तकनीक पर काम करती है। इसकी कारण ये पाकिस्तानी रिफाइनरी प्रोसेसिंग के दौरान डीजल और पेट्रोल की बजाय फर्नेस ऑयल ज्यादा निकाल रही हैं। पाकिस्तान में फर्नेस ऑयल की कोई डिमांड नहीं है और यह उसके लिए घाटे का सौदा बन गया है।
सिर्फ 5 रिफाइनरी हैं पाकिस्तान के पास, एक तो आजादी से पहले की
पाकिस्तान के पास 5 तेल रिफाइनरी हैं जिसमें से एक की स्थापना आजादी के पहले हुई थी। वहीं दो तेल रिफाइनरी की स्थापना 60 साल पहले हुई थी। वहीं दो अन्य तेल रिफाइनरी में से एक में पुरानी तकनीक है और दूसरी रिफाइनरी जिसमें सरकार की 60 फीसदी हिस्सेदारी है, वहां कई दशकों से नया निवेश नहीं हुआ है। पाकिस्तान ने पिछले महीने रूस से सस्ता तेल खरीदा था। इस सस्ते तेल के बाद भी वह इसका फायदा पाकिस्तानी जनता को जनता को नहीं दे पाया है।
रिफाइनरी अपग्रेड करने में पाकिस्तान को लगाना होंगे अरबों डॉलर
जियो न्यूज के मुताबिक पाकिस्तान रिफाइनरी लिमिटेड जो तेल साफ करती है, उसमें फर्नेस तेल ज्यादा निकलता है। उसमें पेट्रोल तथा डीजल कम रहता है। रिपोर्ट में इस सेक्टर से जुड़े लोगों के हवाले से कहा गया है कि अगर सरकारी कंपनी ऐसा करेगी तो दूसरी रिफानरी भी रूसी तेल के साथ वही करेंगी। क्योंकि उनके पास भी पुरानी तकनीक है। ऐसे में रिफाइनिंग सेक्टर को अपग्रेड करना महंगा सौदा होगा। कंगाल पाकिस्तान को इसके लिए 4 से 5 अरब डॉलर का निवेश हासिल करना होगा और सभी वर्तमान रिफाइनरियों को अपग्रेड करना होगा। पाकिस्तान इस समय भयंकर महंगाई से जूझ रहा है।
रद्द हो जाएगा रूस से कच्चे तेल का समझौता!
एक्सप्रेस ट्रिब्यून की रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तान और रूस के बीच लंबे समय के लिए तेल समझौता होना अब संभव नहीं दिख रहा है। दोनों पक्षों के बीच बातचीत में बाधा आ गई है। पाकिस्तान को रूस के साथ मिलकर एक तंत्र विकसित करना था ताकि रूसी तेल को मंगाया जा सके लेकिन अभी तक शहबाज सरकार ने इसे शुरू नहीं किया है। रिफाइनरी को अपग्रेड करना भी अरबों डॉलर का काम है। देश में चुनाव भी आने वाले हैं। ऐसे में शहबाज शरीफ कोई भी बड़ा इन्वेस्टमेंट करने की नहीं सोच सकते। वैसे ही कंगाल पाकिस्तान पैसे पैसे के लिए मोहताज हो रहा है।
कंगाल पाकिस्तान पाई पाई को मोहताज
कंगाल पाकिस्तान के आर्थिक हालात बेहद खराब हैं। देश का खजाना खाली हो चुका है। महंगाई आसमान छू रही है। पाकिस्तान डिफाल्टर न हो जाए, इसके चलते आईएमएफ कर्ज देने को राजी हुआ। अब पाकिस्तान का दोस्त सउदी अरब जो पाकिस्तान को कर्ज देने मे आनाकानी कर रहा था, आखिरकार पाकिस्तान की कंगाल हालत पर तरस खा गया और उसे फिर कर्ज दिया है। अरब ने पाकिस्तान को 2 अरब डॉलर का कर्ज दिया है। जब अरबों डॉलर कर्ज के रूप में मिल रहे हैं। तो ऐसे में वह रिफाइनरी अपग्रेड करने की सोच भी नहीं सकता है।