Pakistan SCO Summit: पाकिस्तान में आज से शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) सम्मेलन शुरू होने जा रहा है। एससीओ समिट में शामिल होने के लिए मंगलवार को भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर इस्लामाबाद पहुंचेंगे। पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ डिनर का आयोजन करेंगे और इसके साथ ही एससीओ समिट की शुरुआत होगी। पिछले कई वर्षों से दोनों पड़ोसी देशों के बीच संबंधों में जारी तनाव के बीच भारत की ओर से पाकिस्तान की यह पहली उच्च स्तरीय यात्रा होगी।
9 साल बाद भारतीय विदेश मंत्री का पाकिस्तान दौरा
यहां यह भी बता दें कि, दोनों पक्षों ने एससीओ शासनाध्यक्षों के शिखर सम्मेलन से इतर जयशंकर और उनके पाकिस्तानी समकक्ष इशाक डार के बीच किसी भी द्विपक्षीय वार्ता से इनकार किया है। जयशंकर की पाकिस्तान यात्रा बेहद अहम मानी जा रही है। अपने हालिया संबोधन में जयशंकर ने कहा था, ‘‘किसी भी पड़ोसी देश की तरह भारत निश्चित रूप से पाकिस्तान के साथ बेहतर संबंध चाहेगा। लेकिन, यह सीमापार आतंकवाद को नजरअंदाज करके नहीं हो सकता।’’ करीब नौ साल बाद यह पहला मौका है जब भारत के विदेश मंत्री पाकिस्तान की यात्रा करेंगे। सूचना है कि जयशंकर पाकिस्तान में 24 घंटे से भी कम समय रुकेंगे।
पाकिस्तान ने पीएम मोदी को दिया था न्योता
पाकिस्तान की यात्रा करने वाली भारत की आखिरी विदेश मंत्री सुषमा स्वराज थीं। उन्होंने अफगानिस्तान पर एक सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए दिसंबर 2015 में इस्लामाबाद की यात्रा की थी। पाकिस्तान ने एससीओ शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए अगस्त में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को न्योता दिया था।
सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम
एससीओ समिट को लेकर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। इस्लामाबाद के पुलिस महानिरीक्षक (आईजीपी) नासिर अली रिजवी ने एक बयान में कहा कि राजधानी में होने वाले शिखर सम्मेलन को लेकर सुरक्षा योजना तैयार की गई है। उन्होंने बताया कि सुरक्षा कर्मियों को होटलों और उन स्थानों पर तैनात किया जाएगा जहां विदेशी प्रतिनिधिमंडल ठहरे हुए हैं। उन्होंने कहा कि वो विदेशी नेताओं, प्रतिनिधिमंडलों और मेहमानों की सुरक्षा सुनिश्चित करेंगे। रिजवी ने बताया कि तलाशी और सूचना-आधारित अभियान चलाए जा रहे हैं और पाकिस्तानी सेना, खुफिया एजेंसियां, फ्रंटियर कोर (एफसी) एवं रेंजर्स के कर्मियों को तैनात किया गया है।
सेना को किया गया तैनात
पुलिस प्रमुख ने बताया कि सुरक्षा के लिए पुलिस बल के 9,000 से अधिक कर्मियों को तैनात किया गया है और ‘‘नागरिकों की सुविधा के लिए एक यातायात प्लान भी जारी किया गया है।’’ सरकार ने किसी भी अप्रिय स्थिति से निपटने के लिए राजधानी में पहले ही सेना को तैनात कर दिया है और इस्लामाबाद, पड़ोसी रावलपिंडी और कुछ अन्य शहरों में हर प्रकार के विरोध प्रदर्शनों और रैलियों पर प्रतिबंध लगाया गया है।
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