भारत से पंगा लेने वाला पाकिस्तान आज के दौर में कटोरा लेकर दर-दर की भीख मांगने को मजबूर है। कभी वह अमेरिका से रुपये मांगता है तो कभी चीन से। अपने मित्र चीन के दरवाजे से भगाए जाने के बाद वह सऊदी अरब पहुंच जाता है। वहां से कुछ डॉलर की मदद मिलने के बाद कुछ दिन काम चलाता है और फिर मदद पाने के लिए भटकता है। वह फिर अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आइएमएफ) से ऋण की गुहार लगाता है। पाकिस्तान की यह हालत भारत में नापाक हरकतें करने की वजह से हुई है, अन्यथा हिंदुस्तान भी उसकी मदद कर सकता था। मगर पाकिस्तान ने भारत से अपने रिश्ते कभी अच्छे नहीं रखे।
वह भारत में आतंक और दहशत फैलाने का ही काम करता रहा। इसलिए भारतीय सेना ने पाकिस्तान पर दो बार सर्जिकल स्ट्राइक भी किया। इसके बाद भारत-पाकिस्तान के बचे-खुचे संबंध भी खराब हो गए। तभी पीएम मोदी ने कह दिया था कि वो पाकिस्तान को पूरी दुनिया में कटोरा लेकर भीख मांगने पर मजबूर कर देंगे। आज के दौर में पाकिस्तान की हालत वही है कि वो कटोरा लेकर इधर-उधर भीख मांगने को मजबूर है। मगर भारत अब पाकिस्तान को बाल्टी थमाने जा रहा है। यह सुनने में आपको अजीब लग रहा होगा। मगर ये सत्य है। इसलिए पाकिस्तान अब भारत के सामने गिड़गिड़ाने लगा है।
कटोरे के बाद अब पाकिस्तान को बाल्टी पकड़ाएगा भारत
पाकिस्तान की आर्थिक हालत इस कदर बदहाल हो गई है कि वहां लोगों को दो वक्त की रोटी के लाले पड़े हैं। पाकिस्तान भूख से तड़प रहा है। आटे, दाल और चावल के लिए लोग आपस में छीना-झपटी और मारपीट तक कर रहे हैं। पाकिस्तान के आंतरिक हालात की ये तस्वीरें पूरी दुनिया देख रही है। महंगाई पाकिस्तान में लोगों की कमर तोड़ चुकी है। पाकिस्तानियों को भरपेट भोजन भी नसीब नहीं हो रहा। अभी तक पाकिस्तान भूख और आर्थिक बदहाली का मारा है, लेकिन अब उसके प्यासों मरने की भी नौबत आ गई है। भारत ने पहले उसे दर-दर कटोरा लेकर भीख मांगने को मजबूर किया था। अब यही भारत उसे बाल्टी पकड़ाने जा रहा है। क्योंकि पाकिस्तान की हरकतें ही कुछ ऐसी हैं। दरअसल भारत पाकिस्तान के साथ सिंधु नदी जल समझौता तोड़ने के मूड में है। इससे पाकिस्तान भारत के सामने गिड़गिड़ाने लगा है। अगर भारत ने यह समझौता तोड़ दिया तो पाकिस्तान को प्यासे मरने की नौबत आ जाएगी। फिर वह बाल्टी लेकर भटकेगा।
पाकिस्तान भारत से कर रहा दया दिखाने की अपील
सिंधु नदी जल समझौते को लेकर पाकिस्तान भारत से दया दिखाने की अपील कर रहा है। पाकिस्तान का कहना है कि उसे उम्मीद है कि सिंधु नदी जल समझौते को भारत सद्भावनापूर्वक लागू करेगा। मगर पाकिस्तान भारत के सामने गिड़गिड़ाने से पहले फिर नापाक हरकत कर बैठा है। दरअसल पाकिस्तान ने कश्मीर में किशनगंगा और रतले पनबिजली परियोजनाओं को लेकर हेग स्थित स्थाई मध्यस्थता अदालत में सुनवाई के लिए याचिका दायर किया है। मगर भारत ने इसे अवैध बताते हुए कार्यवाही में हिस्सा लेने से साफ मना कर दिया है। जबकि मध्यस्थता अदालत पाकिस्तान की याचिका को सुनने में रुचि दिखा रही है।
1960 में हुई थी भारत-पाकिस्तान में सिंधु जल संधि
भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने हेग की मध्यस्थता अदालत में पाकिस्तान की याचिका के संदर्भ में कहा कि भारत को अवैध और समान्तर कार्यवाहियों को मानने या उनमें हिस्सा लेने के लिए मजबूर नहीं किया जा सकता है जो संधि में उल्लेखित नहीं हैं। भारत ने संधि के विवाद निवारण तंत्र का पालन करने से पाकिस्तान के इनकार के मद्देनजर इस्लामाबाद को जनवरी में नोटिस जारी कर सिंधु जल संधि की समीक्षा और उसमें संशोधन की मांग की थी। यह संधि 1960 में विश्व बैंक की मध्यस्थता में सीमा-पार नदियों के संबंध में दोनों देशों के बीच हुई थी। भारत ने मध्यस्थता अदालत को भी कह दिया कि जब कार्यवाही ही अवैध है तो भारत को इसमें शामिल होने के लिए बाध्य नहीं किया जा सकता। भारत के इस खरे जवाब के बाद पाकिस्तान को जब कोई रास्ता नहीं सूझा तो वह अब सिंधु जल संधि समझौते को लेकर भारत से गिड़गिड़ाने लगा है।