Highlights
- चीन के रक्षा मंत्री ने कहा चीन और भारत पड़ोसी हैं
- आपस में अच्छे संबंध बनाए रखने दोनों देशों को होगा फायदा: वेई फेंगे
- रक्षा मंत्री ने विवादों को सुलझाने के लिए शांतिपूर्ण तरीकों का भी आह्वान किया
India China Standoff: चीन के रक्षा मंत्री जनरल वेई फेंगे ने शनिवार को कहा कि- ''चीन एवं भारत पड़ोसी हैं और आपस में अच्छे संबंध बनाए रखना दोनों देशों के हितों को पूरा करता है तथा दोनों देश वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर शांति के लिए मिलकर काम कर रहे हैं।'' यहां शांगरी-ला डायलॉग को संबोधित करते हुए वेई ने दक्षिण चीन सागर सहित क्षेत्रीय विवादों को सुलझाने के लिए शांतिपूर्ण तरीकों का भी आह्वान किया। उन्होंने कहा- ''चीन और भारत पड़ोसी हैं। अच्छे संबंध बनाए रखना दोनों देशों के हितों को पूरा करता है । और यही वजह है कि हम इसी पर काम कर रहे हैं।''
'हमने भारतीयों के साथ कमांडर स्तर पर 15 दौर की बातचीत की'
भारत के साथ वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर संघर्ष के बारे में एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा- ''हमने भारतीयों के साथ कमांडर स्तर पर 15 दौर की बातचीत की है और हम इस क्षेत्र में शांति स्थापित करने के लिए मिलकर काम कर रहे हैं।'' वेई अमेरिकी थिंक टैंक ब्रुकिंग्स इंस्टीट्यूशन में द इंडिया प्रोजेक्ट की निदेशक डॉ तन्वी मदान के एक सवाल का जवाब दे रहे थे। मदान ने मंत्री से ये बताने के लिए कहा था कि दो साल पहले पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) ने भारत के साथ एलएसी पर कई बिंदुओं पर यथास्थिति बदलने के लिए एकतरफा कदम क्यों उठाया था, जिसके कारण 45 वर्षों में पहली बार सैन्य संघर्ष शुरू हुआ?
लद्दाख में पांच मई 2020 से तनावपूर्ण स्थिति
मदान के अनुसार ये कदम उन समझौतों के उल्लंघन थे जिन्हें भारत एवं चीन ने 25 सालों में बहुत सावधानीपूर्वक बातचीत के जरिए हासिल किये थे। भारत और चीन के सैनिकों के बीच पूर्वी लद्दाख में पांच मई 2020 से तनावपूर्ण सीमाई गतिरोध है, जब पैंगोंग झील क्षेत्र में दोनों पक्षों के बीच हिंसक झड़प शुरू हुई थी। चीन भारत के सीमावर्ती क्षेत्रों में पुलों तथा सड़कों और आवासीय इकाइयों जैसे अन्य बुनियादी ढांचे का निर्माण भी कर रहा है। लद्दाख गतिरोध का हल करने के लिए भारत और चीन ने अब तक 15 दौर की सैन्य वार्ता की है। वार्ता के परिणामस्वरूप, दोनों पक्षों ने पिछले साल पैंगोंग झील के उत्तर और दक्षिण तट एवं गोगरा क्षेत्र से अपनी सेनाएं पीछे बुला ली थीं।