Ukraine on India: रूस और यूक्रेन में जंग को दो साल पूरे हो रहे हैं। जंग में हत्याएं भी कम नहीं हुई है। जहां रूस ने यूक्रेन के कई शहरों को नेस्तनाबूत किया है, वहीं यूक्रेन ने भी रूस पर पलटवार कर मिसाइल और ड्रोन हमले किए हैं। इस जंग का निकट भविष्य में कोई अंत नहीं दिखाई दे रहा है। हालांकि इसी बीच यूक्रेन ने इस जंग को रोकने में भारत की भूमिका पर बड़ा बयान दिया है।
रूस और यूक्रेन में जारी जंग के बीच यूक्रेन की उप विदेश मंत्री इरीना बोरोवेट्स ने भारत को ग्लोबल साउथ की आवाज बताया। साथ ही कहा कि रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे संघर्ष का शांतिपूर्ण समाधान खोजने में भारत को महत्वपूर्ण भूमिका निभानी चाहिए। दरअसल, भारत ने हमेशा ही रूस-यूक्रेन युद्ध में हो रही आम लोगों की हत्याओं की निंदा की है। पिछले साल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रूसी राष्ट्रपति पुतिन से कहा था कि यह युद्ध का युग नहीं है। यह बात यूक्रेन की ओर से आई है। उसने जंग रोकने में भारत की भूमिका को अहम बताया।
24 फरवरी को पूरे हो जाएंगे जंग के दो साल
रूस-यूक्रेन युद्ध को 24 फरवरी को दो साल पूरे हो जाएंगे। फिर भी यह जंग थमने का नाम नहीं ले रही। दोनों देशों में से कोई भी हथियार नीचे डालने को तैयार नहीं है। कई देशों की मध्यस्थता के बाद भी युद्ध रुकता नहीं दिख रहा। यूक्रेन को पश्चिमी देशों की मदद मिलने के बाद वह भी रूस पर हमलावर हो गया है। पश्चिमी देशों की मदद के कारण यह जंग लंबी खिंचती दिखाई दे रही है। क्योंकि रूस हथियार नहीं डालना चाहता है और वह अकेला लड़ने में सक्षम है। वहीं यूक्रेन को भी आर्थिक और सैन्य मदद लगातार मिल रही है।
ग्लोबल साउथ देशों की शक्तिशाली आवाज
इरीना बोरोवेट्स ने बताया कि यूक्रेन ने मार्च में स्विट्जरलैंड में होने वाले वैश्विक शांति शिखर सम्मेलन के लिए भारत को आमंत्रित किया है। उन्होंने कहा, 'भारत की एक महत्वपूर्ण भूमिका है। सबसे पहले, भारत एक वैश्विक नेता है, यह निश्चित रूप से ग्लोबल साउथ देशों की शक्तिशाली आवाज है। भारत मेरे देश की क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान करता है। तो उस अर्थ में, हमारे पास पूर्ण समर्थन है।' उन्होंने कहा कि भारत शांतिपूर्ण समाधान खोजने की दिशा में अधिक कार्रवाई कर सकता है। भारत को शांति खोज समाधान का हिस्सा बनना होगा।