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PM मोदी के नेतृत्व में अंतरिक्ष का अगुवा बना हिंदुस्तान, दुनिया भर में ISRO का गुणगान

इंडियन स्पेस रिसर्च ऑर्गेनाइजेशन (इसरो) की सफलताओं ने पूरी दुनिया का ध्यान अपनी तरफ आकर्षित किया है। दुनिया के कई थिंक टैंक अब खुले तौर पर यह मानने को विवश हो गए हैं कि भारत दुनिया के तमाम देशों के लिए अंतरिक्ष का अगुवा बन चुका है। भारत की सफलताओं ने उसे अंतरिक्ष के शीर्ष में ला खड़ा किया है।

Edited By: Dharmendra Kumar Mishra @dharmendramedia
Published on: March 24, 2024 16:49 IST
इसरो। - India TV Hindi
Image Source : AP इसरो।

नई दिल्लीः इंडियन स्पेस रिसर्च ऑर्गेनाइजेशन (ISRO) ने अपनी स्थापना के बाद से ही अंतरिक्ष में बड़े-बड़े मुकाम हासिल किए हैं। मगर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में गत 10 वर्षों में इसरो ने अपनी गति तेज कर दी है। लिहाजा भारत ने चंद्रमा के दक्षिणी पोल से लेकर शुक्र और सूर्य के एल1 तक पहुंच चुका है। इसरो की सफलता ने सिर्फ भारतवासियों को ही नहीं, बल्कि पूरी मानवता को गौरवान्वित किया है। तभी तो पूरी दुनिया इसरो की कुशलता की कायल हो गई है। विश्व आर्थिक मंच (डब्ल्यूईएफ) के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि भारत में अंतरिक्ष को लेकर उत्साह दुनिया भर से प्रतिभाओं को आकर्षित कर रहा है और उन्हें व्यवसाय शुरू करने एवं क्षेत्र के विकास में योगदान देने के लिए प्रेरित कर रहा है।

डब्ल्यूईएफ के मंच ‘सेंटर फॉर फोर्थ इंडस्ट्रियल रिवोल्यूशन’ (सी4आईआर) ने विभिन्न हितधारकों के बीच वैश्विक सहयोग बनाने के लिए पिछले सप्ताह भारत में अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी कार्यक्रम शुरू किया है क्योंकि देश में निजी अंतरिक्ष क्षेत्र आगे बढ़ रहा है। सी4आईआर की कार्यकारी समिति के सदस्य सेबस्टियन बकुप ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, “ भारत को छोटे, महत्वाकांक्षी अंतरिक्ष देशों के लिए एक आदर्श, प्रकाशस्तंभ के रूप में देखा जाता है, जो समर्थन के लिए भारत की ओर भी देखते हैं।” उन्होंने कहा कि डब्ल्यूईएफ एक समावेशी और जिम्मेदार तरीके से समग्र रूप से अंतरिक्ष क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए इस क्षेत्र के बड़े और उभरते देशों के बीच आदान-प्रदान की सुविधा प्रदान करना चाहता है।

उपग्रहों के प्रक्षेपण पर भारत कर रहा भारी निवेश

बकुप ने कहा कि भारत साझा बुनियादी ढांचे में निवेश कर रहा है, मिसाल के तौर पर वह छोटे उपग्रहों के प्रक्षेपण के बुनियादी ढांचे में निवेश कर रहा है जो अंततः डिजिटल सार्वजनिक बुनियादी ढांचे के बराबर बन सकता है। उन्होंने कहा कि अगर भारत "अंतरिक्ष सार्वजनिक बुनियादी ढांचा" बनाने में कामयाब रहा, तो इससे अंतरिक्ष उद्यमिता के मामले में तेजी आएगी। बकुप ने अपनी भारत यात्रा के दौरान अंतरिक्ष क्षेत्र के विभिन्न हितधारकों के साथ बैठकें कीं, जिनमें भारतीय राष्ट्रीय अंतरिक्ष संवर्धन और प्राधिकरण केंद्र, भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन के अधिकारी और अंतरिक्ष स्टार्ट-अप के प्रतिनिधि शामिल थे।

भारत दुनिया के लिए अंतरिक्ष के शीर्ष में शामिल

बकुप ने कहा, “ मुझे लगता है कि भारत के बाहर कई लोग अब भी भारत को अंतरिक्ष के क्षेत्र में उभरता हुआ राष्ट्र बता रहे हैं। हकीकत तो यह है कि भारत अंतरिक्ष क्षेत्र में शीर्ष वर्ग में आ चुका है।” उन्होंने कहा कि यह विमर्श को बदलने का मौका देता है और यह दुनिया को यह समझने में मदद करेगा कि भारत ने वास्तव में क्या हासिल किया है। भारत एक तरह से अंतरिक्ष में दुनिया के तमाम देशों के लिए उम्मीद की किरण बन गया है। (भाषा) 

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