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India-UAE:ऊर्जा और शिक्षा के क्षेत्र में भारत और यूएई दिखाएंगे ये कौशल, इतने अरब डॉलर होगा व्यापार

भारत और यूएई शिक्षा और ऊर्जा के क्षेत्र में भागीदारी बढ़ाना चाहते हैं। अगर दोनों देश ऐसा करते हैं तो इससे दोनों को ही फायदा होगा।

Edited By: Dharmendra Kumar Mishra @dharmendramedia
Published : Oct 09, 2022 17:05 IST, Updated : Oct 09, 2022 17:22 IST
India-UAE
Image Source : INDIA TV India-UAE

Highlights

  • आगामी वर्षों में आपसी व्यापार को बढ़ाकर 100 अरब डॉलर पर पहुंचाना लक्ष्य
  • भारत ऊर्जा के क्षेत्र में हो सकता है आत्म निर्भर
  • भारतीय कंपनियों को स्टार्टअप का विदेश में मिलेगा मौका

India-UAE:भारत और संयुक्त अरब अमीरात शिक्षा, ऊर्जा, कौशल और रक्षा जैसे पारस्परिक हित वाले कई क्षेत्रों में ज्ञान और सर्वश्रेष्ठ तौर-तरीके साझा करके अपने बीच मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) का उल्लेखनीय तरीके से लाभ उठा सकते हैं। डेलॉयट इंडिया की एक रिपोर्ट में यह बात कही गई है। दोनों देशों के बीच व्यापक आर्थिक भागीदारी समझौता (सीईपीए) इस वर्ष एक मई से लागू हुआ है। इसका उद्देश्य द्विपक्षीय व्यापार और निवेश को बढ़ावा देना और आगामी वर्षों में आपसी व्यापार को बढ़ाकर 100 अरब डॉलर पर पहुंचाना है।

 रिपोर्ट में कहा गया, ‘‘तरजीही व्यापार समझौते के तहत पारस्परिक हित के विभिन्न क्षेत्रों में ज्ञान और सर्वश्रेष्ठ तौर-तरीके साझा करने से दोनों अर्थव्यवस्थाओं को लाभ पहुंच सकता है।’’ इसमें कहा गया है कि भारत की अर्थव्यवस्था अपनी घरेलू आवश्यकताओं की पूर्ति करने के लिए कच्चे तेल के आयात पर बहुत अधिक निर्भर है और रूस तथा यूक्रेन के बीच मौजूदा भूराजनीतिक तनाव तथा ईरान से आपूर्ति कम होने से व्यापक आर्थिक बुनियाद प्रभावित हो रही है। इसमें कहा गया, ‘‘इन अस्थिरताओं का अर्थ यह है कि भारत को वैकल्पिक ईंधन की खोज करके और कच्चे तेल की आपूर्ति के लिए नए रास्तों की तलाश करके अपनी ऊर्जा निर्भरता को कम करना चाहिए जिससे कि निर्बाध आपूर्ति जारी रह सके।

भारत ऊर्जा क्षेत्र में बनेगा आत्मनिर्भर

रिपोर्ट के मुताबिक, भारत-यूएई ऊर्जा साझेदारी के तहत यूएई ने भारत की ऊर्जा आवश्यकताओं की प्रतिस्पर्धी दरों पर पूर्ति करने का वादा किया है। उसने भारतीय अर्थव्यवस्था को रणनीतिक पेट्रोलियम भंडार के निर्माण में मदद देने का वादा भी किया है। इसमें कहा गया, ‘‘इससे भारत ऊर्जा क्षेत्र में और आत्मनिर्भर बन सकेगा,’’ तथा समझौते से खाड़ी क्षेत्र में भारतीय कार्यबल के लिए रोजगार के अवसर बढ़ेंगे और यहां रहने वाले भारतीय स्वदेश जो धन भेजते हैं उसमें भी वृद्धि होगी।

भारतीय कंपनियों को वैश्विक बाजार में मिलेगी पहचान
डेलॉयट इंडिया में भागीदार एवं यूएई कॉरिडोर लीडर जेहिल ठक्कर ने कहा कि समझौते की सफलता इस बात पर निर्भर करेगी कि इसे दोनों देशों में कितने प्रभावशाली तरीके से लागू किया जाता है। यह मुक्त व्यापार समझौता भारतीय कंपनियों को वृहद वैश्विक बाजार में कदम रखने और तेजी से बढ़ने का अवसर देगा। उन्होंने कहा कि सीईपीए से भारतीय स्टार्टअप को खाड़ी क्षेत्र के अन्य देशों बहरीन, कुवैत, ओमान, कतर और सऊदी अरब तक पहुंच का अवसर भी मिलेगा। इससे भारत आंतरिक और वाह्य रूप से और अधिक मजबूत होगा। भारत की ऊर्जा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता भी बढ़ेगी।

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